भोपाल। bhopalsamachar.com द्वारा facebook की तकनीकी सहायता से कराए गए आॅनलाइन सर्वे/पोल में लोगों ने कमलनाथ के हाथ में मध्यप्रदेश का सुरक्षित भविष्य बताया है। सिर्फ एक सवाल किया गया था 'मध्यप्रदेश का भविष्य किसके हाथों में सुरक्षित है' जवाब के लिए सिर्फ 2 ही विकल्प थे। शिवराज सिंह चौहान एवं कमलनाथ। चौंकाने वाले नतीजे यह हैं कि 68% लोगों ने कमलनाथ को चुना जबकि सीएम शिवराज सिंह चौहान 32% पर सिमटकर रह गए। याद दिला दें कि पिछले दिनों TIME NOW के ओपिनियन पोल में शिवराज सिंह चौहान को 61% लोगों की पसंद बताया गया था जबकि कमलनाथ को केवल 5% लोगों की पसंद बताया गया था।
क्यों किया गया सर्वे
कमलनाथ को पिछले दिनों मध्यप्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी गई। इसी के साथ वो मध्यप्रदेश के सबसे बड़े पद पर आ गए। यदि मप्र मे कांग्रेस की सरकार बनती है तो काफी हद तक संभावनाएं हैं कि कमलनाथ ही मुख्यमंत्री होंगे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कमलनाथ को सीएम कैंडिडेट घोषित तो नहीं किया लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर से जो संकेत आ रहे हैं, उससे यही प्रतीत होता है कि वो रेस से बाहर हो गए हैं। दिग्विजय सिंह ने सीएम सीट की संभावनाओं से भी इंकार कर दिया है। अरुण यादव ने चुनाव ना लड़ने का ऐलान किया है। अब केवल नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह शेष रह जाते हैं जो कैबिनेट में किसी प्रमुख पद पर तो लिए जा सकते हैं परंतु कमलनाथ की तुलना में प्रतिस्पर्धी नहीं माने जा सकते। भाजपा की तरफ से शिवराज सिंह के अलावा किसी का नाम चर्चाओं में नहीं है। अत: दोनों के बीच तुलनात्मक अध्ययन अनिवार्य हो गया था।
क्या यह सर्वे प्रायोजित था
bhopalsamachar.com यह दावा करता है कि यह ओपिनियन पोल किसी भी तरह से प्रायोजित नहीं था। इसके लिए facebook की तकनीकी सहायता ली गई एवं यह अचानक आयोजित किया गया। किसी भी पक्ष के पास यह अवसर ही नहीं था कि वो अपने लिए कोई केंपेन कर सके। सर्वे के दौरान मौजूद आॅनलाइन पापुलेशन को टारगेट किया और अचानक उनके सामने यह प्रश्न रखा गया। अत: यह दावा किया जाता है कि इसमें किसी भी प्रकार की मिलावट नहीं थी। यहां तक कि हमने कमलनाथ और शिवराज सिंह से जुड़े समर्थकों को भी इस पोल की पूर्वसूचना नहीं दी।
क्या नतीजे आए
ओपिनियन पोल में कुल 80256 लोगों से सवाल किया गया। 4700 लोगों ने वोटिंग में भाग लिया। भोपाल समाचार से जुड़े कुल 1.45 लाख एक्टिव फेसबुक में से 1013 यूजर्स ने इसे आम जनता तक पहुंचाया। 68% लोगों ने कमलनाथ का चुनाव किया जबकि 32% लोगों ने शिवराज सिंह को चुना जबकि पहला विकल्प शिवराज सिंह चौहान थे।