
उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ताओं ने अपने वर्तमान वेतन को कम किये जाने एवं कनिष्ठ सहायक अध्यापकों का वेतन, समयपूर्व क्रमोन्नति दिए जाने के कारण अधिक हो जाने को माननीय हाई कोर्ट के समक्ष चुनौती दी है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी ने बताया है कि पूर्व में याचिकाकर्ता आदेश दिनाक - 15.10.2016 के अनुसार छठवें वेतन का लाभ प्राप्त कर रहे थे, जो कि वेतन पुनरीक्षण 2009 के प्रावधानों के अनुसार जारी किया गया था।
परंतु, शासन द्वारा, उपरोक्त आदेश को निरस्त कर आदेश दिनाँक 07.07.2017 जारी किया गया। उसके पश्चात स्पष्टीकरण दिनाँक 21.12.2017 जारी किया गया, जिसमे पूर्व वेतन निर्धारण एवं प्रदाय की विधि को परिवर्तित कर विसंगति पूर्ण कर दिया गया है। वेतन निर्धारण हेतु, सेवा अवधि को आधार बनाना, 6 माह से अधिक की अवधि को पूर्ण वर्ष ना माना जाना एवं बेसिक पे एवं ग्रेड पे को जोड़कर तीन प्रतिशत वेतनवृद्धि न प्रदान किया जाना, सहायक अध्यापकों को समय पूर्व उच्चतर वेतनमान दिया जाना, माननीय न्यायालय के समक्ष प्रथम दृष्ट्या विचारणीय रहे हैं।