भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में सोमवार 16 अप्रैल को पति-पत्नी के समायोजन की अनिवार्यता को लेकर एक-दूसरे से दूरस्थ जिलों मे सेवारत अध्यापक दंपत्तियों का जमावड़ा हुआ। सभी ने शासन प्रशासन से अपनी समस्याओं से अवगत कराया कि हम 18 वर्षों से अलग अलग रह रहे हैं। हमारा समायोजन नही कर रहे हैं। इससे अच्छा है तो हम तलाक ले लेंगे। ना तो हम बच्चों के साथ रह पा रहे ना दाम्पत्य जीवन व्यतीत कर पा रहे हैं। ज्ञात हो की मध्यप्रदेश मे अंतरनिकाय संविलियन आनलाईन प्रक्रिया में सेवारत अध्यापक पति-पत्नी को प्राथमिकता तो दी गई है। लेकिन पति-पत्नी को निकटस्थ स्थान पर समायोजन की अनिवार्यता घोषित नहीं की गई है। सेवारत पति-पत्नी को भी अध्यापकों की तरह सामान्य नियमों से बांध दिया गया है।
जबकि सरकारों का प्रयास होता है कि यथासंभव पति-पत्नी को 8 km के दायरे मे सेवा करने का अवसर मिले। ताकि अलगाव के कारण सेवारत पति-पत्नि को सेवा करने मे किसी प्रकार की कठिनाई ना हो। इसलिए सरकारें सेवारत पति-पत्नि के लिए विशेष नियम बनाती है। लेकिन मध्यप्रदेश मे जारी वर्तमान अंतरनिकाय संविलियन आनलाईन प्रक्रिया मे सेवारत पति-पत्नि को विशेष छुट नही दी गई है। जिसके कारण लगभग 10000 के करीब सेवारत अध्यापक दम्पतियों का अंतरनिकाय संविलियन आनलाईन प्रक्रिया द्वारा नही हो पा रहा है। जिससे सेवारत अध्यापक पति-पत्नि व्यथित है और शासन के संवेदनहीन रवैये से बेहद नाराज है।
अपनी नाराजगी और व्यथा को व्यक्त करने सोमवार 16 अप्रैल को इनका जमावड़ा भोपाल मे हुआ। भोपाल मे प्रातः से उपस्थित अध्यापक पति-पत्नि, आयुक्त, लोक शिक्षण संचनालय को अवगत कराया गया। कर्मचारी कल्याण समिति के प्रमुख रमेशचंद शर्मा से मिले तथा पति पत्नी के दूरस्थ जिलों में सेवारत होने के कारण उनके जीवन में आने वाली कठनाईयों से अवगत कराया। अध्यापक संवर्ग मे सेवारत अध्यापक दम्पत्तियों को विश्वास है कि उनके विभाग के उच्च अधिकारी एवं मध्यप्रदेश शासन की मंत्रीगण तथा मुख्यमंत्री, अध्यापक संवर्ग में दूरस्थ जिलो मे पति-पत्नी समायोजन की अनिवार्यता घोषित कर इन दम्पतियों को पुनः आवेदन करने या किए जा चुके आवेदन पर पति-पत्नि के निकटस्थ स्थान पर समायोजन का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
यह जानकारी श्रीमती सुजाता पाटिल सहायक अध्यापक विकासखंड-सांची, जिला रायसेन एवं रमेश पाटिल वरिष्ठ अध्यापक, विकासखंड-पान्ढुरना, जिला-छिन्दवाडा ने दी है।