भोपाल। जिला बार एसोसिएशन ऑफिस के बाथरूम में शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे एक व्यक्ति का शव संदिग्ध परिस्थितियों में पड़ा मिला। उनकी नाक से खून निकल रहा था। मौके से मिले आधार कार्ड से उनकी पहचान बीडीए से सस्पेंड चल रहे 62 वर्षीय देवेंद्र कुमार के रूप में हुई। वे बीते 27 घंटे से गायब थे। पुलिस ने 24 घंटे से पहले कार्रवाई करने से इंकार कर दिया था। परिजनों का शक है कि उनके साथ कुछ गलत हुआ है।
एमआईजी 11/9 अजंता कॉम्प्लेक्स बी-सेक्टर इंद्रपुरी निवासी वीरेंद्र सिंह की शॉप है। उनके मुताबिक मेरे पिता देवेंद्र कुमार सिंह बीडीए में टाइम कीपर थे। उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। उनका न्यायालय में केस भी चल रहा था। पेमेंट नहीं मिलने और केस के कारण वे काफी डिप्रेशन में थे। गुरुवार दोपहर करीब साढ़े 11 बजे मैं शॉप के लिए चला गया और पापा भी घर से निकल गए थे। देर शाम तक घर नहीं पहुंचने पर हमने उन्हें फोन किया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। रात करीब 11 बजे उनका फोन स्विच ऑफ हो गया था।
पिपलानी थाने में हमने शिकायत की, तो पुलिस ने कहा कि 24 घंटे होने के बाद ही मामले में कुछ कार्यवाही कर पाएंगे। उसके बाद हम उनकी तलाश करते रहे, लेकिन वे कहीं नहीं मिले। शुक्रवार दोपहर मैं बीडीए ऑफिस पहुंचा तो पता चला कि रात करीब 1 बजे तक वे वहीं देखे गए थे। हमें शंका है कि उनके साथ कुछ गलत हुआ है। हम शनिवार को बिहार निकलने वाले थे।
दोपहर करीब 3 बजे सफाई कर्मचारी बाथरूम के पास पहुंचे। दरवाजा अंदर से बंद था। काफी खटखटाने के बाद भी दरवाजा नहीं खुलने पर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश व्यास को फोन किया। उसके बाद दरवाजा तोड़ दिया गया। अंदर देवेंद्र मृत मिले। कर्मचारियों का कहना था कि सुबह साढ़े दस बजे जब वे सफाई करने पहुंचने थे तब भी बाथरूम का दरवाजा बंद था।