भोपाल। 17 अप्रैल को भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी और कोप ग्रुप के सदस्यों के साथ आरएसएस के नेता और सीएम मप्र में भाजपा की स्थिति एवं चुनावी तैयारियों पर मंथन करेंगे। इससे पहले 10 अप्रैल को संघ के सभी अनुषांगिक संगठनों का फीडबैक लिया गया। 17 को निम्न विषयों पर मंथन किया जाएगा: तमाम योजनाओं के बावजूद किसान नाराज क्यों है। 'माई का लाल' के बाद भी SC/ST नाराज क्यों है और सबसे मजेदार बात यह कि टॉप लेवल पर गुटबाजी कर रहे नेता आपस में बैठकर तय करेंगे कि भाजपा में लोकल लेवल पर बढ़ रही गुटबाजी को कैसे दूर किया जाए।
किसान, मजदूर और SC/ST नाराज
शारदा विहार में मंगलवार को संघ के सहसरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल के साथ संगठन नेताओं की बैठक हुई थी। इसमें संघ के अनुषांगिक संगठनों के नेताओं को भी बुलाया गया था। सूत्रों की माने तो अनुषाांगिक संगठनों ने किसान, मजदूर और अनुसूचित-जाति और जनजाति के बीच पार्टी का जनाधार कमजोर होने से आने वाले चुनाव में नुकसान की बात कही है। संघ का कहना था कि किसानों के लिए सरकार की योजनाएं तो बहुत अच्छी हैं पर जमीनी लेवल पर उनका फायदा वैसा नहीं मिल रहा है।
2 अप्रैल की हिंसा पर वोटों का हिसाब किताब होगा
इसके अलावा दो अप्रैल को हुए बंद समेत कमजोर वर्गो के लिए चल रही योजनाओं में अफसरशाही के हावाी होने का मुद्दा उठा था। इन मसलों पर अब प्रदेश पदाधिकारी और कोर कमेटी चर्चा करेगी। दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा और इससे होने वाले वोटों के नुकसान पर भी कोर कमेटी में बात होगी। 17 अप्रैल को होने वाली बैठक दो हिस्सों में होगी। दोपहर तीन बजे से पहले प्रदेश पदाधिकारी बैठक होगी। इसके बाद प्रदेश पदाधिकारी और कोर कमेटी एक साथ बैठेगी। बैठक में संगठन नेताओं के अलावा सीएम शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, थावरचंद गेहलोत, कैलाश विजयवर्गीय समेत अन्य दिग्गज शामिल होंगे।
लोकल गुटबाजी से कैसे निपटें
बैठक में सबसे महत्वपूर्ण मसला स्थानीन लेवल पर बढ़ रही गुटबाजी है। संघ ने समन्वय बैठक में भाजपा को इसे लेकर चेताया है। इसके अलावा हाल ही में बूथस्तर तक चलाए गए भाजपा के अभियान में भी गुटबाजी की बात सामने आई है। विधायकों की जिले के नेताओं से पटरी न बैठ पाने के मसले पर भी कोर कमेटी विचार कर इसका हल सुझाएगी। इसके अलावा विधायकों को लेकर संघ के सर्वे पर भी चर्चा की जाएगी।