
नंदकुमार सिंह चौहान पर क्या थे आरोप
संगठन में पकड़ नहीं बना पाए। कुछ दिग्गज नेताओं को छोड़कर जिलों के जमीनी नेताओं से संपर्क ही नहीं करते थे।
सत्ता की खनक में रहते थे एवं अक्सर विवादित बयान जारी कर दिया करते थे।
आरएसएस के कई नेताओं से मतभेद मुखर हो चुके थे।
संगठन के कई बड़े फैसले अकेले ही ले लिया करते थे।
उपचुनावों में जितने भी प्रत्याशियों को टिकट दिलाया, ज्यादातर हार गए।
दिन की शुरूआत शिवराज सिंह के गुणगान से होती थी और अंत भी।
अपनी दम पर ना तो कोई चुनाव सम्पन्न करा पाए और ना ही कोई बड़ा कार्यक्रम।
बेटे के कारण कई आरोप लगे।
आपराधिक किस्म के कुछ नेताओं को खुला समर्थन दिया जिससे भाजपा की किरकिरी हुई।
दागी नेताओं से मेलजोल काफी बढ़ता जा रहा था।
शिवराज सिंह ने वीटो लगाकर बचा रखा था
बता दें कि खंडवा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान को सीएम शिवराज सिंह ने ही प्रदेश अध्यक्ष बनवाया था। नंदकुमार सिंह के लिए पार्टी से ज्यादा महत्वपूर्ण शिवराज सिंह थे और यह सीएम को काफी पसंद आता था। दिल्ली ने कई बार नंदकुमार सिंह को पद से हटाने पर विचार किया परंतु शिवराज सिंह ने हर बार वीटो लगाया और नंदकुमार सिंह को बचा लिया। पिछले दिनों तो हालात यह हो गए थे कि मीडिया में जिस भी नेता का नाम नंदकुमार सिंह के विकल्प के तौर पर आता था, शिवराज सिंह उन्हे चुप करा देते थे।