
मानव संसाधन विकास मंत्रालय में सचिव अनिल स्वरूप ने मंगलवार को कहा- "सीबीएसई 10वीं के मैथ्स का पेपर लीक होने की कथित खबरों पर हमने शुरुआती जांच की थी। छात्रों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई ने फैसला किया है कि दिल्ली, एनसीआर और हरियाणा में यह पेपर दोबारा नहीं कराया जाएगा।
भोपाल के एक टीचर ने बताया कि 27 मार्च की आधी रात को मैथ्स का पेपर उनके कुछ स्टूडेंट्स के पास पहुंचा। स्टूडेंट्स ने उन्हें यह पेपर दिखाया। टीचर को शक हुआ तो उन्होंने पेपर के फोटो भास्कर से साझा किया। अगली सुबह यानी 28 मार्च को मैथ्स को जो पेपर आया, वह लीक हुए पेपर जैसा ही था।
झारखंड में 10वीं के स्टूडेंट्स के खिलाफ FIR हुई
झारखंड के चतरा में शुक्रवार को ही सीबीएसई 10वीं के चार छात्रों के खिलाफ पेपर लीक मामले में एफआईआर दर्ज की गई। यानी लीक हुआ पेपर झारखंड तक भी पहुंचने का शक है। बिहार से भी कुछ लोग हिरासत में लिए गए हैं।
इस बार देशभर में सिंगल पेपर फॉर्मेट था
सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली के मुताबिक, मैथ्स और इकोनॉमिक्स का पेपर देशभर में दोबारा होना चाहिए। दरअसल सीबीएसई ने इसी साल देशभर में एक ही पेपर कराने शुरू किए हैं। इससे पहले हर रीजन के हिसाब से पेपर के सेट अलग-अलग होते थे। अगर वैसा ही सिस्टम होता तो एक रीजन में पेपर लीक होने का असर देशभर के छात्रों पर नहीं पड़ता। 2006 और 2011 में पेपर लीकहोेने का असर संबंधित रीजन पर ही पड़ा था।
दिल्ली पुलिस को भी शक है
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 10 वॉट्सऐप ग्रुप्स को आईडेंटिफाई किया है। इन ग्रुप्स में 50-60 मेंबर हैं। पुलिस सूत्रों का यह भी कहना है कि पेपर लीक होने के तार हरियाणा के सोनीपत और यूपी के बुलंदशहर से भी जुड़े हो सकते हैं।