भोपाल। सीएम शिवराज सिंह जब बिना दबाव के फैसले लेते हैं तो वो देश भर में नजीर बन जाते हैं। बात सामूहिक विवाह योजना की हो या लाड़ली लक्ष्मी की। ऐसे कई उदाहरण हैं। शिवराज के आइडिया का लोहा एक बार फिर सारा देश मानेगा। मप्र में सीएम शिवराज सिंह ने जिस कानून को जिद करके बनवाया था, अब वो सारे देश में लागू होगा। जी हां, यहां बात हो रही है 12 वर्ष से कम आयु वाली लड़कियों के रेप मामले में सजा-ए-मौत का प्रावधान किए जाने की। मध्यप्रदेश, देश का पहला राज्य है जहां यह कानून लागू हुआ और अब सारे देश में होने जा रहा है।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी जानकारी
पीएम नरेंद्र मोदी सरकार बाल यौन अपराध निरोधक कानून (पॉक्सो एक्ट) में अहम बदलाव करने जा रही है। सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि 12 साल तक की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले में अधिकतम मौत की सजा का प्रावधान करेगी। बता दें कि सरकार ने यह जवाब सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया।
बदलाव की प्रक्रिया शुरू
सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच को बताया, "पॉक्सो एक्ट में बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 12 साल तक की बच्ची से दुष्कर्म के मामलों में सरकार अधिकतम मौत की सजा का प्रावधान करेगी। केंद्र की ओर से महिला और बाल विकास मंत्रालय के उप-सचिव आनंद प्रकाश ने वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान यह रिपोर्ट सौंपी।
पॉक्सो एक्ट में अभी क्या प्रावधान हैं?
पॉक्सो एक्ट के मुताबिक, मौजूदा समय में जघन्य अपराधों में अधिकतम उम्रकैद की सजा वहीं, कम से कम 7 साल की सजा का प्रावधान है।
उस समय शिवराज अकेले पड़ गए थे
सीएम शिवराज सिंह ने जब मासूम बच्चियों के बलात्कारियों को फांसी की सजा का ऐलान किया तो इस मामले में पूरे प्रदेश में कोई भी उनसे सहमत नहीं था। नौकरशाहों ने इस पर घोर आपत्ति उठाई। यहां तक कि शिवराज सिंह की अपनी कैबिनेट में इसका जबर्दस्त विरोध हुआ। हालात यह बने कि शिवराज सिंह को वीटो का प्रयोग करना पड़ा। उन्होंने यहां तक कहना पड़ा कि मेरी व्यक्तिगत रूचि है इसलिए इसे कैबिनेट में पास कर दिया जाए।