
ग्रेटर नोएडा में प्राइवेट नौकरी करने वाली पीड़ित युवती इस कदर डरी हुई थी कि अपने साथ हुई दरिंदगी को बताते-बताते रो पड़ती थी। उसका चेहरा सूजा हुआ था। चेहरे पर मारपीट के निशान थे। कपड़े फटे थे। युवती ने बताया कि उसने रास्ते भर दोनों के हाथ जोड़े। पैर पकड़े लेकिन वह कार को तेज रफ्तार से दौड़ाते रहे। जब उसने फोन करने की कोशिश की तो उसका मोबाइल भी छीन लिया गया।
सलमान और साजिद बार-बार कह रहे थे कि आज लॉंग ड्राइव पर चलेंगे। मथुरा से भी अपने किसी दोस्त को साथ लेने की बात कर रहे थे। रास्ते में इन लोगों ने अपने दोस्तों को फोन भी किया था। लेकिन दोस्तों के नाम वह नहीं जान सकी। उधर, कोतवाल शिवप्रताप सिंह ने बताया कि जब युवती ने सूचना दी तो पुलिस तत्काल पहुंच गई थी। आरोपी युवक कार को लेकर भागने की कोशिश कर रहे थे मगर उन्हें दबोच लिया गया। गाड़ी के पीछे वाले शीशे और साइड वाले शीशों पर काला कवर लगा हुआ था। इससे लगता है कि यह लोग पूरी प्लानिंग के साथ थे। युवती ने बताया है कि एक्सप्रेसवे पर तीन जगह कार को रोका गया था। जब टोल प्लाजा आया तो उसके मुंह पर कपड़ा रख दिया था और सीट पर नीचे की तरफ झुका दिया था।
दो संप्रदाय का मामला होने पर पुलिस ने दिखाई तेजी
दो संप्रदाय का मामला होने के चलते पुलिस ने भी इसमें तेजी दिखाई। युवती मूलत: मेरठ जनपद के एक गांव की रहने वाली है, जबकि दोनों आरोपी युवक सलमान और साजिद गौतमबुद्ध नगर में दादरी के रहने वाले हैं। बताया जाता है कि जब युवती की पहचान सलमान से हुई थी तो उसने अपना नाम मलिक बताया था। वह हाथ में कलावा बांधकर रहता था।
अब तो डराने लगा है एक्सप्रेसवे का सफर
एक्सप्रेसवे का सफर डराने लगा है। बढ़ती वारदात को रोक पाने में पुलिस पूरी तरह से फेल साबित हो रही है। अभी हफ्ते भर पहले ही कारोबारियों से चांदी लूट ली गई थी। नोएडा से आगरा तक का एक्सप्रेसवे वाकई असुरक्षित हो गया है। यूं तो पुलिस अधिकारी दावा करते हैं कि कई प्वाइंट पर पुलिस को लगाया गया है लेकिन हकीकत में कुछ दिखेगा नहीं। कभी एक्सप्रेसवे का सफर कर लीजिए पुलिस को दिखती ही नहीं है। अगर किसी को मदद की जरूरत पड़ गई तो उम्मीद मत कीजिए।