नई दिल्ली। भारत के करोड़ों दंपत्ति बेटियों पर बढ़ रहे यौन हिंसा के मामलों से परेशान हैं। लाखों गुस्से में हैं और हजारों सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इन सबके बीच एक दंपत्ति ऐसा भी है जिसने सामूहिक दुष्कर्म की शिकार बेटी के बलात्कारियों से हाथ मिला लिया और 20 लाख रुपए के बदले केस हारने को तैयार हो गए। पीड़िता नाबालिग है, उसके माता-पिता उस पर बयान बदलने के लिए दवाब डाल रहे हैं लेकिन सामूहिक बलात्कार के बाद भी जिंदा बच गई यह 'निर्भया' कमजोर नहीं थी। उसने अपने माता-पिता को भी सलाखों के पीछे भिजवा दिया।
गौरतलब है कि पीड़िता के माता-पिता आरोपियों से पांच लाख रुपये लेकर बेटी पर अदालत में बयान बदलने का दबाव बना रहे थे। हालांकि पीड़िता को इस बात का पता चल गया और उसने इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस को दे दी। पुलिस ने पीड़िता की मां को गिरफ्तार कर लिया है।
पीड़िता के माता-पिता ने आरोपियों से 20 लाख रुपये का सौदा किया था। उन्हें आरोपियों ने पांच लाख रुपया बतौर एडवांस भी दे दिया था। पीड़िता को जब इस बात का पता चला तो उसने सूझबूझ दिखाते हुए एडवांस में मिले 4 लाख 96 हजार रुपए चुपचाप निकाल कर उस रकम को पुलिस को सौंप दिया और सभी बात पुलिस को बता दी।
पुलिस ने माता-पिता समेत पांच आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने के लिए मामला दर्ज किया है। 15 वर्षीय लड़की अमन विहार इलाके में रहती है। पिछले साल 30 अगस्त को अचानक लापता हो गई थी। वापस आने के बाद लड़की ने दो लोगों के खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने पॉक्सो एक्ट की धाराओं में प्रॉपर्टी डीलर सुनील शाही व चंद्रभूषण पांडेय को गिरफ्तार कर लिया था।