
इस एडवाइजरी में कहा है कि कहीं भी हिंसा हुई तो उस इलाके के डीएम और एसपी को निजी तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उल्लेखनीय है कि एससी-एसटी एक्ट में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरोध में 2 अप्रैल को दलित संगठनों ने भारत बंद किया था। दलित आंदोलन में मध्यप्रदेश सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ था। 2 अप्रैल के बंद के दौरान हुई हिंसा में 2 लोगों की मौत हुई थी। हिंसा के केंद्र रहे ग्वालियर और भिंड जिलों में कर्फ्यू है। मध्यप्रदेश के गृह मंत्री ने अपने घर में कंट्रोल रूम बनवा लिया है।
सवाल यह है क्या राहुल गाँधी और सांसद औवेसी को दिख रहा चेहरा इसके पीछे है ? या उन्हें भ्रम हो रहा है। रात भर सोवने के बाद मेरे पास भी अब तक इस सवाल का जवाब नही है। इस बंद का चेहरा कौन है ? केंद्र सरकार ने किसके विरुद्ध एडवाइजरी जारी की है। जिन गुप्तचर संगठनॉ की सलाह पर यह एडवाइजरी जारी हुई है, वे उन चेहरों को पहचानते है तो सरकार उन चेहरों को उजागर क्यों नहीं कर रही है ? राहुल गाँधी और ओवेसी अपने इशारे भाजपा और संघ की ओर कर रहे है । भाजपा केंद्र सहित कई राज्यों में सत्ता में है और संघ ने 2 अप्रेल को हुई हिंसा की निंदा करने के साथ ऐसे किसी बंद से इकार कर दिया था।
पौ फटने को है, मन्दिर की घंटी और अजान की आवाज़ आ रही है। रात को गश्त करने वाली पुलिस की गाड़ी नहीं आई है, शायद कहीं और किसी व्यवस्था में लगाई गई हो। मुझे भी अब तक बंद का चेहरा नजर नहीं आया। केंद्र, राज्य सरकार, उनके गुप्तचरों ने अगर ये चेहरा पहचान लिया है तो उसे उजागर करें। इक नागरिक के रूप में यदि आपको दिखे तो चिल्ला चिल्ला कर बताये कि ये चेहरा कौन है ? बिना चेहरे के इस बंद से किसी का कुछ न बिगड़े इसके लिए प्रार्थना नहीं कोशिश करें। देश हम सबका है।
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।