
मीडिया वॉचडॉग द हूट्स इंडिया फ्रीडम रिपोर्ट ने जनवरी २०१६ और अप्रैल २०१७ के बीच मामलों का विवरण देते हुए कहा है कि इस दौरान ५४ पत्रकारों पर कथित रूप से हमला किया गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार द्वारा तीन टेलीविजन समाचार चैनल को बैन किया जा चुका है, ४५ इंटरनेट शटडाउन और ४५ व्यक्तियों और समूहों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।
इस रिपोर्ट में एनडीटीवी के खिलााफ सीबीआई रेड, हिंदुस्तान टाइम्स के एडिटर बॉबी घोष की बर्खास्तगी और कार्टूनिस्ट जी बाला की गिरफ्तारी का भी जिक्र है। इस रिपोर्ट में पत्रकार और कार्यकर्ता गौरी लंकेश और टीवी पत्रकार सांतौ भौमिक की हत्या के बारे में भी सूचना है । अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट ने कहा कि २०१७ में कई पत्रकारों को अपनी रिपोर्टिंग के वक्त बदसलूकी के साथ-साथ हिंसा का शिकार भी होना पड़ा है। स्टेट डिपार्टमेंट ने एक एजेंसी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कई महिला पत्रकारों को रोजाना मोबाइल और ऑनलाइन के जरिए परेशान किया जा रहा है। ट्रोल्स कई महिला पत्रकारों को हर रोज ट्विटर पर हजारों गालियां देते हैं। व्यापक भ्रष्टाचार, कुछ राज्यों में राजनीतिक कैदियों की रिपोर्ट, मीडिया पर सेंसरशिप व उत्पीड़न और सरकार की कुछ आलोचना करने वालों को परेशान किया जा रहा है।
भारत के स्वभाव के अनुसार सरकार अब फौरन कोई जाँच आयोग, समिति या इस जैसा कुछ अपने चेहरे में गहराते दाग को साफ करने के लिए करेगी। काश पहले अपनों की सुनते तो बात इतनी दूर तक नहीं जाती।
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।