शैलेन्द्र गुप्ता/भोपाल। मध्यप्रदेश की भाजपा में कई बड़े बदलाव हो चुके हैं, कुछ होना शेष हैं। इसी के तहत प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर नंदकुमार सिंह को हटाकर सांसद राकेश सिंह को बिठा दिया गया है परंतु विधानसभा चुनाव 2018 की सारी पॉवर नरेंद्र सिंह तोमर के हाथ होगी और यह चुनाव भी नरेंद्र और शिवराज की जोड़ी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। तोमर को इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है।
प्रदेश अध्यक्ष के लिए चला था नाम
पिछले 4 महीनों में नरेंद्र सिंह तोमर को लेकर नई चर्चाएं शुरू हुईं थीं। तोमर केंद्रीय मंत्री हैं और ग्वालियर संभाग के सभी फैसले लेते थे परंतु पिछले दिनों उन्होंने मप्र के मामलों में रुचि लेना शुरू कर दिया था। इसी बीच एक बार उन्होंने पुराने दिन याद करते हुए कहा था कि 'उनकी और शिवराज की जोड़ी चुनाव जिताऊ जोड़ी है' इसी के बाद से अनमान लगाया जाने लगा था कि तोमर को मप्र चुनाव में महत्वपूर्ण काम मिलेगा। कुछ समय पहले दिल्ली में अचानक सीएम शिवराज सिंह, नरेंद्र तोमर से मिलने जा पहुंचे। इस मुलाकात के बाद चर्चाएं शुरू हो गईं थीं कि तोमर मप्र में भाजपा के अध्यक्ष हो सकते हैं परंतु तत्काल ही उन्होंने इस चर्चा का खंडन कर दिया था।
चुनावी ताकत तोमर के हाथ होगी
चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद यह तय हो गया है कि चुनावी ताकत एक बार फिर नरेंद्र सिंह तोमर के ही हाथ होगी। याद दिला दें कि 2018 का चुनाव 2013 के चुनाव जैसा नहीं होगा। इस बार अमित शाह की टीम एक-एक टिकट पर अपना दखल रखेगी। शिवराज सिंह का फैसला अंतिम फैसला नहीं होगा। तोमर को अध्यक्ष बनाए जाने के बाद एक बार फिर यह तय हो गया है कि 2018 का चुनाव शिवराज सिंह की टीम नहीं बल्कि भाजपा लड़ेगी। शिवराज सिंह भाजपा का चेहरा होंगे।