भोपाल। राज्य सरकार के साथ-साथ बिजली कंपनियों ने अपने संविदा कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दे दिया। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी समेत सभी छह कंपनियों ने संविदा सेवा नियमों में बड़ा बदलाव करत हुए नए नियम जारी कर दिए। इनके अनुसार संविदा कर्मचारियों को चार साल की सेवा होने पर सीधी भर्ती के नियमित पद पर प्रतियोगी परीक्षा के जरिए अलग मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी।
31 साल बाद एक साथ फायदा
कंपनी ने लाइनमैन यानी लाइन स्टाफ के लिए 40 फीसदी एवं अन्य पदों पर 25 फीसदी पद आरक्षित भी कर दिए। इन्हें सातवें वेतन के मैट्रिक्स के अनुसार 90 से 95 फीसदी वेतन भी दिया जाएगा। इन नियमों में सुधार के लिए गठित समिति के सिफारिश के बाद यह निर्णय लिया गया है। इस मांग को लेकर मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ, यूनाइटेड फोरम ने पिछले तीन साल में 15 बार आंदोलन किए।
रिटायरमेंट संबंधी सरकार के आदेश से निगम- मंडलों के अधिकारियों व कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के साथ 31 साल बाद एक साथ फायदा हो रहा है। एमपी एग्रो कार्पोरेशन कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष चंद्रशेखर परसाई ने बताया कि इससे पहले 1987 में तत्कालीन मोतीलाल वोरा सरकार ने नियमित कर्मचारियों के साथ ही निगम मंडलों के लिए चौथे वेतनमान का आदेश जारी किया था।
40 हजार अधिकारियों- कर्मचारियों को होगा फायदा
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने रिटायरमेंट की आयु सीमा बढ़ाने संबंधी आदेश जारी कर दिया। मप्र नगर निगम, नगर पालिका कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया कि इससे कई कैडर के करीब 40 हजार अधिकारियों व कर्मचारियों को फायदा होगा।