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संदीप ने बताया कि संघ की तय प्लानिंग के हिंसाब से 11 मई को होने वाली संविदा महापंचायत के ठीक बाद ही संविदा कर्मचारियों द्वारा निष्कासित संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के सम्मान में शिवराज सरकार का खुलकर विरोध किया जाना है, क्यूँकि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ को अंदेशा है, कि मामा उनकी दो माँगों में से केवल एक ही माँग पर विचार करने की ताक में लगे हैं किन्तु संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ मामा की यह कूट नीति पहले से भाँप चुका है।
11 मई को होने वाली संविदा महापंचायत में ही हो सकता है बड़ा हँगामा
बता दें, कि सभी विभागों के समस्त संविदा कर्मचारियों व उनके परिवार, मित्र आदि को साथ लेकर घर, दूकान चाय के नुक्कड़, कालेज बसों में निष्कासित संविदा स्वास्थ्य कर्मियों व उनकी पारिवारिक व्यथा के प्रति आम जन को समाज को बताकर, शिवराज सरकार व उनके शासनकाल में उनके चहेते आलाधिकारियों की मनमानी तानाशाही रवैये व 15 वर्षों से लगातार सत्ता में रहने पर नशे में चूर BJP कार्यकर्ताओं को बताया जा रहा है, कि हम कांग्रेसी या विरोधी दल वाले नहीं बल्कि दो वर्ष पूर्व समान कार्य समान वेतन की माँग रखने वाले वही 15 वर्षों से एक निश्चित मानदेय पर कार्यरत निष्कासित संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हैं। व अन्य पदस्थ शोषित संविदा साथी हैं जिन्हें हड़ताल स्थगित कराकर कंस मामा ने छल करते हुये यह कहकर निकाल दिया कि "बजट नहीं हैं।