भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संडे को सीएम हाउस में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की पंचायत बुलाई। वेतनमान बढ़ाए जाने से लेकर कई दूसरी मांगें पूरी करने का ऐलान भी किया परंतु सरकार की सारी कोशिशें बेकार। सम्मेलन से बाहर निकलीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता खुश नहीं थीं परंतु सुपरवाइजरों ने उनसे जबरन तालियां बजवाईं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने शिवराज के उपहार स्वीकार करने से इंकार कर दिया है।
उन्होंने बताया कि हमने हर महीने 18 हजार न्यूनतम वेतन मांगा था। सरकार इस पर राजी भी हुई थी। इसके बाद महापंचायत बुलाई गई। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यकर्ता का वेतन 5 हजार व सहायिकाओं का 2500 रुपए बढ़ाया, जो 20 से 30 साल की नौकरी करने वाली कार्यकर्ता, सहायिकाओं के साथ धोखा है। इस घोषणा से हम खुश नहीं है। जब पूछा गया कि घोषणा से खुश नहीं थी तो तालियां क्यों बजाई? इस पर कार्यकर्ताओं ने कहा कि कुछ परियोजना सुपरवाइजरों ने जबरन तालियां बजवाईं हैं। हम दोबारा आंदोलन करेंगे।
10 मार्च को तय हो गया था सबकुछ, फिर पलट क्यों गए
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कहा कि 10 मार्च को पांच-पांच कार्यकर्ताओं को बुलाया था। मुख्यमंत्री ने मांगों पर चर्चा की थी। कार्यकर्ताओं ने न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपए मांगा था। महापंचायत में अलग हो गया। कार्यकर्ताओं के 5 हजार रुपए बढ़ाए। अब उन्हें हर महीने 10 हजार रुपए मिलेंगे, इसमें 3 हजार रुपए केंद्र सरकार देती है। राज्य सरकार पर 7 हजार रुपए का ही भार पड़ेगा।