भोपाल। खुद को दलित बताते हुए सरकारी नौकरी हासिल करने वाले आलोक कुमार मीना को सस्पेंड कर दिया गया है। उनके खिलाफ एफआईआर के भी आदेश जारी किए गए हैं। विभागीय जांच में आलोक कुमार मीना का जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। मीना मप्र कृषि विभाग में उपसंचालक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने सिरोंज तहसील से जारी हुआ जाति प्रमाण पत्र लगाया था परंतु जब जांच की गई तो पता चला कि सिरोंज तहसील से उनका कोई जाति प्रमाण पत्र जारी ही नहीं हुआ। अब उनके खिलाफ सरकारी दस्तावेज की कूटरचना का मामला दर्ज किया जाएगा।
राज्य सरकार ने उप संचालक आलोक कुमार मीना को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर निलंबित कर दिया है। मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। मीना के जाति प्रमाण पत्र की जांच पहले लोकायुक्त और बाद में विदिशा कलेक्टर से कराई गई, जिसमें उन्होंने जो जाति प्रमाण पत्र सर्विस रिकॉर्ड में लगाया है, वह सिरोंज तहसील से बना ही नहीं था। इसके बाद कृषि विभाग ने मीना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए हैं।
मीना अभी बुरहानपुर में उपसंचालक हैं। कृषि विभाग ने मीना के जाति प्रमाण पत्र की जांच कलेक्टर विदिशा से कराई, जिसमें तहसीलदार सिरोंज के कार्यालय में उपलब्ध रिकॉर्ड में इस तरह का जाति प्रमाण पत्र जारी होने का कोई रिकॉर्ड नहीं पाया गया। इसके बाद सरकार ने मीना को षड्यंत्रपूर्वक कूटरचना से फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण बनवाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।