नई दिल्ली। कर्मचारियों के लिए बेहद बुरी खबर आ रही है। अब उनके वेतन पर भी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लगने वाला है। सरकार ने फैसला कर लिया है। जल्द ही यह लागू किया जा सकता है। दरअसल यह GST उनके मूल वेतन पर नहीं लगेगा परंतु हाउस रेंट अलाउंस, मोबाइल बिल, हेल्थ इंश्योरेंस, मेडिकल बिल, इंटरटेंमेंट, इत्यादि भत्तों पर लगेगा। स्वभाविक है कि प्राइवेट कंपनियां GST का भुगतान अपनी तरफ से नहीं करेंगी अत: यह कर्मचारियों के वेतन से काटा जाएगा। इस तरह उनका वेतन अपने आप कट हो जाएगा।
क्या आ सकता है GST के दायरे में
फोन के लिए मिलने वाली राशि, मेडिकल इंश्योरेंस, मेडिकल जांच, ट्रासंपोर्टेशन, एवं एचआरए भी जीएसटी के दायरे में आने वाला है। अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग रूलिंग (AAR) ने एक मामले में फैसला दिया है कि कंपनियों द्वारा कैंटीन चार्जेस के नाम पर कर्मचारियों से वसूला जाने वाला चार्ज भी जीएसटी के दायरे में आएगा। इन सुविधाओं पर यदि जीएसटी लगता है तो कंपनियां यह राशि इम्प्लॉइज से वसूलेंगी। इसका सीधा असर कर्मचारी के पैकेज पर पड़ेगा।
अंग्रेजी अखबार का खुलासा
एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, एक्सपर्ट्स ने कंपनियों को सलाह दी है कि वो अपने एचआर डिपार्टमेंट से इन मामलों पर समीक्षा के लिए कहें। हाउस रेंट, मोबाइल बिल, हेल्थ इंश्योरेंस, मेडिकल बिल जैसे सैलरी का ब्रेकअप यदि जीएसटी के दायरे में आ जाएगा तो कंपनियों को आपकी सैलरी पैकेज को नए सिरे से निर्धारित करना होगा।