
ATM से पैसा नहीं आ रहा, कार्ड स्वैप नहीं हो रहे
शहर की इंटरनेट सेवा बंद होने से शहर के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। नेट बंद होने के कारण लोगों के कार्ड स्वैप नहीं हो सके। पैट्रोल पंपों और दुकानों पर ग्राहकों को परेशान होना पड़ा। इसके अलावा अधिकांश एटीएम पर पैसे नहीं निकलने के कारण भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। पैसे निकालने के लिए लोगों को बैंक जाना पड़ा। इसके चलते बैंकों में ग्राहकों की लंबी-लंबी लाइनें लगी रहीं।
जनरेट नहीं हुए ई वे बिल:
सोमवार को इंटरनेट बंद होने के कारण ई वे बिल जनरेट नहीं हो सके। बिल नहीं होने के कारण किसी भी ट्रांसपोर्टर ने माल की सप्लाई नहीं की। एेसे में व्यापारियों का माल मप्र से बाहर ही नहीं जा सका। यह परेशानी मंगलवार को भी रहनी है।
मोबाइल बैंकिंग भी ठप रही:
सोमवार को मोबाइल बैंकिंग भी ठप रही। सुरक्षा और सुविधा को देखते हुए अधिकांश व्यापारी मोबाइल बैंकिंग करते हैं। नेट ठप रहने से ना तो व्यापारी पैसा भेज सके ना ही बाहर के शहरों से उनका पैसा अटक गया। शहर के ज्यादातर दफ्तरों में और व्यापारी लैंड लाइन इंटरनेट का प्रयोग करते हैं। लैंड लाइन इंटरनेट भी बंद होने के कारण उनका काम दिन भर ठप पड़ा रहा।
GSTR-1 की आज आखिरी तारीख
फरवरी का जीएसटीआर-1 दाखिल करने की मंगलवार को आखिरी तारीख है। इंटरनेट बंद होने के कारण कोई भी व्यापारी जीएसटीआर-1 दाखिल नहीं कर सका। इसके चलते उन पर पेनॉल्टी लगना तय है।
3 बी रिटर्न भी नहीं भर सके व्यापारी
हर माह की 20 तारीख तक खरीद-बिक्री की जानकारी और टैक्स जमा करने के लिए 3 बी रिटर्न भरा जाता है। बार-बार इंटरनेट बंद होने के कारण वकील शहर के व्यापारियों के 3 बी रिटर्न फाइल नहीं कर सके। 3 बी रिटर्न भरने में अब कम दिन बचे हैं। ऐसे में रिटर्न समय पर फाइल होना संभव नहीं है। रिटर्न समय पर फाइल नहीं होने से प्रतिदिन के हिसाब से पेनॉल्टी लगना शुरू हो जाएगी।
व्यापारियों ने दिया ज्ञापन
कन्फैडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के पदाधिकारियों ने इंटरनेट बंद होने पर हो रही समस्याओं को लेकर सीजीएसटी के सहायक आयुक्त क्रांति प्रसाद और एसजीएसटी के अतिरिक्त आयुक्त सुधीर श्रीवास्तव को ज्ञापन दिया। व्यापारियों ने कहा कि इंटरनेट बंद होने से व्यापार के साथ-साथ राजस्व की भी हानि हो रही है। व्यापारियों ने जीएसटीआर-1 की अंतिम तिथि आगे बढ़ाने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में संयोजक नरेंद्र मांडिल, संयुक्त संयोजक विधि प्रकोष्ठ अमित अग्रवाल, राकेश अग्रवाल, विद्या भूषण त्यागी आदि शामिल थे।