
भारत बंद के दौरान अंचल में उपद्रव की साजिश में एस-3 (सम्यक समाज संघ) की सक्रिय भूमिका सामने आई थी। एस-3 के राष्ट्रीय अध्यक्ष बौद्ध ने बाहर से लोगों को बुलाकर वर्ग विशेष के लोगों के बीच सभाएं की। इसके बाद पुलिस ने उपद्रव के 31 मामलों में उसे नामजद कर उपद्रव में उसकी सक्रिय भूमिका की बात स्वीकारी। पुलिस की पड़ताल में अभी वह अंडरग्राउण्ड ही चल रहा है लेकिन हकीकत में वह अभी भी वर्ग विशेष के लोगों के बीच जा जाकर भड़काने का काम कर रहा है। उसने एक दिन पहले ही नई फेसबुक आईडी से लाइव वीडियो पोस्ट की है। इसमें वह धौलपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में बैठकर सुप्रीम कोर्ट, बीजेपी सरकार, पुलिस-प्रशासन के खिलाफ बयान दे रहा है। इसके बाद भी पुलिस उस तक नहीं पहुंच पा रही है। उसने दो सार्वजनिक कार्यक्रम की दो वीडियो अपलोड की हैं। इससे पहले भी 19 अप्रैल को उसने पोस्ट की।
इस तरह भड़का रहा है मास्टरमाइंड:
साथियों दो अप्रैल को जो घटना हुई है, चिंता का विषय है। साथियों एससी एसटी एक्ट सुप्रीम कोर्ट ने खत्म कर दिया है। इसके संबंध में पूरे देश के अंदर बहुजन समाज के नेताओं ने भारत बंद किया और शांतिपूर्ण ज्ञापन दिया। शांतिप्रिय सभा में आरएसएस और बीजेपी के लोग घुस गए और उदंडता की। मप्र में हमारे कई साथी शहीद हुए। इस मंच के माध्यम से कहना चाहता हूं कि मप्र के प्रशासन ने लाखन सिंह बौद्ध पर बहुत बड़ी कार्रवाई की है। मैं विश्वास दिलाता हूं जो लोग हमारे शहीद हुए हैं। उनकी कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाने देंगे। लाखन सिंह बौद्ध प्रशासन को आगाह करना चाहता है। ऐसी कोई जेल नहीं है जो हमें रख सके। हम कई बार जेल गए हैं। मुझे मास्टरमाइंड बताया गया है। हम अपने अधिकार के लिए मास्टरमाइंड क्या कुछ भी बन सकते हैं।
आईजी अंशुमान यादव ने बताया कि लाखन सिंह बौद्ध की भूमिका सामने आने के बाद उसकी तलाश की जा रही है। अगर उसने लाइव वीडियो पोस्ट किया है तो मैं दिखवाता हूं। फेसबुक आईडी भी ब्लॉक कराई जाएगी। भड़काऊ पोस्ट करने पर उस पर कार्रवाई भी होगी।