लड़की वयस्क निकले और बयान बदल दे तो अपहरण की चार्जशीट पेश नहीं की जा सकती: HIGH COURT | CRIME NEWS

Bhopal Samachar
लखनऊ। कई मामलों मेें ऐसा पाया गया है कि माता पिता वयस्क हो चुकी लड़की को नाबालिग बताते हैं और उसकी लवमैरिज को अवैध मानते हुए अपहरण की एफआईआर दर्ज करा देते हैं। ऐसे मामलों में पुलिस जब आरोपित को पकड़ती है और यदि लड़की उसके पक्ष में बयान दे दे, मेडिकल में वो वयस्क पाई जाए तो फिर मामले में चार्जशीट पेश नहीं की जानी चाहिए। यह आदेश हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दिया। निदेशक, अभियोजन सुजान वीर सिंह ने आश्वासन दिया है कि इस संबंध में जिलों में तैनात अभियोजन अधिकारियों को कानूनी व सामाजिक पहलुओं की जानकारी दी जाएगी।

जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस डीके सिंह की बेंच ने 28 मार्च को ऐसे ही एक मामले की सुनवाई करते हुए पाया कि अपहरण और पॉक्सो के मुकदमों में मेडिकल जांच में लड़की के बालिग पाए जाने और लड़के से प्रेम करने व उसके साथ अपनी मर्जी से जाने के बयान देने के बावजूद अपहरण व पॉक्सो की धाराओं के तहत लड़के के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी जाती है। 

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता से जब कोर्ट ने इसका कारण पूछा तो बताया गया कि कि ऐसा जिलों में तैनात अभियोजन अधिकारियों की कानूनी सलाह पर होता है। इस पर कोर्ट ने निदेशक, अभियोजन को तलब कर लिया। कोर्ट के आदेश के बाद हाजिर हुए निदेशक सुजान वीर सिंह ने आश्वासन दिया कि ऐसे मामलों के संबंध में अभियोजन अधिकारियों को कानूनी व सामाजिक पहलुओं की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए कानूनी विशेषज्ञों के साथ-साथ सामाजिक विशेषज्ञों की मदद से सेमिनार व वर्कशॉप का आयोजन करवाया जाएगा। 

इस मामले में हुई सुनवाई 
इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रदेशभर के नारी संरक्षण गृहों में रह रही ऐसी लड़कियों का ब्योरा तलब किया था जो इसलिए वहां भेज दी गईं क्योंकि वे अपने माता-पिता के साथ नहीं जाना चाहती थीं। दरअसल, एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल करते हुए, अयोध्या नारी संरक्षण गृह में बंद एक बालिका को रिहा करने की मांग की गई थी। बालिका के पिता ने प्राथमिकी लिखाई थी कि उसकी नाबालिग लड़की को गांव का ही एक लड़का अपहृत कर ले गया है। 

पुलिस ने लड़की बरामद कर संबधित मैजिस्ट्रेट के यहां पेश किया। लड़की ने अपने मर्जी से प्रेमी के साथ जाने की बात कही। बावजूद इसके पुलिस ने मामले में उसके प्रेमी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया। हाई कोर्ट ने अब पुलिस को मैजिस्ट्रेट से आदेश प्राप्त कर अग्रिम जांच करने का आदेश दिया है। 

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