भोपाल। आईजी जयदीप प्रसाद एक बार फिर आरोपों की जद में हैं। इस बार प्रीति रघुवंशी सुसाइड केस में आरोपित मंत्री रामपाल सिंह के साथ हुई एक मुलाकात के बाद वो सुर्खियों में आ गए। नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह ने इस मुलाकात पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि प्रीति रघुवंशी के परिवार के खिलाफ कोई साजिश रची जा रही है। इससे पहले आईजी प्रसाद पर विधायक हेमंत कटारे केस में एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगा था। विधायक ने जिस छात्रा पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया था, उसने शिकायत की थी कि आईजी प्रसाद ने एकतरफा कार्रवाई की। बाद में छात्रा की ओर से विधायक के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज हुआ।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा अचानक प्रीति का चचेरा भाई गायब हो गया और जैसे ही इस मामले ने तूल पकड़ा तो अचानक से वह वापस लौट आया। वो पुलिस अधिकारियों से मिला। मीडिया में बयान भी दिए परंतु घर वापस नहीं लौटा। अजय सिंह ने पूरे मामले में पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुये कहा कि प्रीति के परिजनों के सारे बयानों और घटना के 25 दिन बाद भी पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है, जिससे साफ स्पष्ट होता है कि पुलिस मंत्री के दबाव में काम कर रही है। जो सरासर पीड़ित परिवार के साथ अन्याय है।
नेता प्रतिपक्ष ने भोपाल आईजी और मंत्री रामपाल सिंह की मुलाकात पर सवाल खड़े करते हुये कहा कि पूरे मामले में मंत्री और पुलिस द्वारा प्रीति रघुवंशी के परिवार के खिलाफ कोई बड़ी साजिश रची जा रही है। अजय सिंह ने कहा कि मंत्री रामपाल सिंह, आईजी से मिलने के बाद खुद को क्लीन चिट दे रहे हैं, कि वे और उनका परिवार निर्दोष है, और कह रहे हैं कि प्रीति द्वारा लिखे सुसाइड नोट में उनका नाम नहीं है।
आईजी और मंत्री के बीच हुई मुलाकात की हो जांच
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आत्महत्या के आरोप में घिरे मंत्री रामपाल और आईजी जयदीप प्रसाद के बीच हुई मुलाकात की जाचं कराई जानी चाहिए। क्योंकि इस मुलाकात के बाद ही मंत्री ने खुद को निर्दोष बताया है। जिससे साफ स्पष्ट होता है कि पुलिस और सरकार के मिलीभगत से ही मंत्री और उनके परिवार को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि प्रीति के परिजनों पर पूरे मामले को लेकर निरंतर दबाव डाला जा रहा है। अजय सिंह ने कहा कि जो फरियादी हैं उन्हें थाने बुलाकर पुलिस कड़ाई से पूछताछ करती है, वहीं आरोपी मंत्री के बंगले पर आईजी चाय पीने जा रहे हैं।
भाजपा की कथनी करनी में है फर्क
अजय सिंह ने कहा कि भाजपा की तो कथनी और करनी दोनों में फर्क है। एक ओर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह प्रदेश की बेटियों के मामा बने बैंठे हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनके ही मंत्री अपनी बहूं की आत्महत्या के मामले में आरोपी हैं। अजय सिंह ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान में जरा भी शर्म बाकी है तो उन्हें तत्काल मंत्री रामपाल सिंह का इस्तीफा लेकर उनके पुत्र सहित परिजनों पर एफआईआर दर्ज करना चाहिए।