
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, अनु ने दिल्ली यूनिवर्सिटी की हिंदू कॉलेज से फिजिक्स ऑनर्स में ग्रेजुएशन की है और आईएमटी नागपुर से एमबीए की पढ़ाई की है। यह अनु का दूसरा अटेंप्ट था, जिसमें उन्होंने अपने सपने को पूरा किया। सिविल सर्विसेज की तैयार करने से पहले अनु नौ साल से एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी कर रही थीं।
उनका कहना है कि उनकी जॉब अच्छी थी, लेकिन उसमें कोई संतुष्टि नहीं थी। यह पूरी तरह से मैकेनिकल बन गया था, जिसें वो ज्यादा दिन तक सहन नहीं कर सकती थी। इसके बाद उन्होंने यह नौकरी छोड़नी का फैसला किया और कुछ ऐसा करने की सोची कि जिससे वो समाज के लिए कुछ कर सके। उन्होंने दो साल पहले अपनी नौकरी छोड़ दी और सिविल सर्विसेज की पढ़ाई शुरू कर दी।
बता दें कि उन्होंने साल 2016 में पहली बार परीक्षा के लिए अप्लाई किया, दो महीने तैयारी की और मात्र एक नंबर से प्री परीक्षा में पास होने से रह गई। हालांकि अनु इस बार के प्रयास को ही अपना पहला प्रयास मानती है, क्योंकि उन्होंने इस प्रयास में अच्छे से तैयारी की थी। परीक्षा में कुल 990 उम्मीदवार शामिल हुए थे, इनमें 750 पुरुष और 240 महिलाएं थीं।
बता दें कि 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2017 के बीच यूपीएससी ने सिविस सर्विस का फाइनल एग्जाम करवाया था। इस परीक्षा के जरिए भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय विदेश सेवा और अन्य केंद्रीय सेवाओं (ग्रुप ए और ग्रुप बी) के लिए चयन किया जाता है। वहीं फरवरी 2018 में उम्मीदवारों का पर्सनालिटी हुआ था, हर साल आयोजित होने वाली इस परीक्षा में 11 लाख से ज्यादा उम्मीदवार परीक्षा में बैठते हैं।