भारत में शायद ही ऐसा कोई धर्मप्रेमी परिवार हो जिसके घर में भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा या तस्वीर ना हो। श्री गणेश को प्रथमपूज्य माना गया है। इनके बिना कोई भी पूजा और इनको भोग लगाए बना कोई भी भंडारा अधूरा है। इसलिए हर घर में श्रीगणेश विराजमान होते ही हैं परंतु क्या आप जानते हैं कि भगवान श्रीगणेश की तस्वीरें और प्रतिमाएं अलग अलग प्रभाव डालतीं हैं:
तस्वीर में सूंड बाएं हाथ की ओर
गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर को जब अपने घर लाएं तो सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें कि गणेश जी की सूंड बाएं हाथ की ओर घुमी हुई हो।
प्रतिमा के हाथों में क्या हो
गणेश जी की मूर्ति में हमेशा इस बात की ध्यान रखें कि गणेश जी के हाथों में एक दांत, अंकुश और मोदक होना चाहिए। साथ ही एक हाथ वरदान की मुद्रा में हो और मूषक भी होना चाहिए।
संतान सुख के लिए
संतान सुख की कामना रखने के लिए अपने घर में बाल गणेश की प्रतिमा लगानी चाहिए। इनकी नियमति पूजा करने से संतान के मामले में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती है।
छात्र और कलाकारों के लिए
नाचते हुए गणेश जी की प्रतिमा लगाने से घर में आनंद, उत्साह और उन्नति होती है। इस प्रकार की प्रतिमा की पूजा करने से छात्रों और कलाकार को विशेष लाभ मिलता है।
सुख और आनंद को स्थाई बनाने के लिए
गणेश जी आसान पर विराजमान हों या लेटे हुए मुद्रा में हों तो ऐसी प्रतिमा को घर में लाना शुभ होता है। इससे घर में सुख और आनंद का स्थायित्व बना रहता है।