भोपाल। नेताओं को जेल भी ठाठ चाहिए। इंदौर से कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को शासकीय कार्य में बाधा के मामले में कोर्ट ने जेल भेज दिया तो वो अपने साथ एक सेवक को भी जेल में ले गए। सचिन नाम का यह युवक जीतू पटवारी के साथ ही चक्काजाम मामले में वारंटी था। कोर्ट में पेश होने पर वो जमानत का लाभ लेकर वापस जा सकता था परंतु उसने ऐसा नहीं किया। मजबूरन उसे जेल भेज दिया गया। बताया जा रहा है कि सचिन नाम का युवक विधायक जीतू पटवारी का सेवक है। उसने जेल के अंदर पटवारी की सेवा करने के लिए अवसर होने के बावजूद जमानत नहीं ली। बताया जा रहा है कि यह सबकुछ जीतू पटवारी की जानकारी में और उनकी मर्जी से हुआ।
11 दिसंबर 2017 को इंदौर की खुड़ैल चौकी में बिना नंबर की सफारी गाड़ी में जा रहे विधायक जीतू पटवारी को ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने रोका था। आरोप है कि जीतू पटवारी ने पुलिसकर्मी से बदतमीजी की और सरकारी कामकाज में बाधा डाली। इस मामले में जीतू पटवारी लंबे समय से स्पेशल कोर्ट में हाजिर नहीं हुए थे। इसके अलावा जीतू पर एक चक्काजाम का मामला भी चल रहा था।
मंगलवार को जीतू अपने कांग्रेसी साथियों के साथ स्पेशल कोर्ट पहुंचे। कोर्ट ने चक्काजाम के मामले में जमानती वारंट होने की वजह से जीतू समेत करीब आठ लोगों को जमानत दे दी। लेकिन ट्रैफिक पुलिसकर्मी के मामले में गिरफ्तारी वारंट होने की वजह से विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह ने जीतू पटवारी की जमानत याचिका को खारिज करते हुए पटवारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भोपाल सेंट्रल जेल भेज दिया।