भोपाल। अब तक साधु संत राजनीति को नियंत्रित करने का काम करते थे परंतु योगी आदित्यनाथ के उत्तरप्रदेश के सीएम बनने के बाद संत समाज की महत्वाकांक्षाएं जाग उठीं हैं। मप्र में नर्मदा पौधारोपण घोटाले का खुलासा करने के लिए रथयात्रा की तैयारी कर रहे कम्प्यूटर बाबा को सीएम शिवराज सिंह ने मंत्री का दर्जा दे दिया। अब कम्प्यूटर बाबा ने नई डिमांड रख दी है। उन्होंने खड़ेश्वरी बाबा के लिए विधानसभा सीट केवलारी (सिवनी) से भाजपा का टिकट मांगा है।
क्या कहा कम्प्यूटर बाबा ने
कम्प्यूटर बाबा का मानना है कि संतों के मन में भी रहता है कि वे कुछ करें। अपनी बात पहुंचाने के लिए कब तक किसी के पीछे घूमेंगे। संत समुदाय थक चुका है, ऐसा करके। हमारे बीच में से ही कोई सरकार में जाए तो संतों की बात सुनी जाएगी। विधानसभा में वे अपनी बात रख सकेंगे। राज्यमंत्री का दर्जा लेने के बाद मंडला पहुंचे कंप्यूटर बाबा ने रविवार को मीडिया से यह बात कही। यहां मंडला समेत सिवनी, डिंडौरी और बालाघाट के संत मौजूद थे, जिन्होंने संतों को विधानसभा का टिकट देने की मांग उठाई। बाबा ने कहा कि संत समाज ने मुझसे टिकट के बारे में मुख्यमंत्री से बात करने के लिए कहा। यहां खड़ेश्वरी बाबा एक संत हैं, उन्हें केवलारी (सिवनी) से टिकट मिलता है तो अच्छा होगा। मैं इस बारे में मुख्यमंत्री से बात करूंगा।
शिवराज सिंह ने खुद पैदा कर लिया भस्मासुर
मप्र के 5 बाबाओं को मंत्री का दर्जा देकर दरअसल, सीएम शिवराज सिंह ने अपने लिए भस्मासुर पैदा कर लिया है। प्रमोशन में आरक्षण के कारण जातिवाद में उलझ गए शिवराज सिंह भाजपा की गुटबाजी और बेरोजगारों के विरोध से पहले ही परेशान थे। किसान संभल नहीं रहे और कर्मचारी बार बार उबल रहे हैं। इस बीच बाबाओं को मंत्री बनाकर एक नई फौज को अपनी ओर मोड़ लिया है। अब बाबाओं को टिकट चाहिए।