भोपाल। आरक्षण के मुद्दे पर मध्यप्रदेश के मंत्री गोपाल भार्गव द्वारा दिया गया बयान पलक झपकते ही देश भर की मीडिया में छा गया था। कांग्रेसियों ने मौका लपका और भाजपा की नीति व नियत पर सवाल उठाए। भाजपा में भी कुछ नेताओं ने आपत्ति जताई और इसे भाजपा के दलित ऐजेंडे के लिए नुक्सानदायक बताया परंतु फायदे नुक्सान और मौके से बेअसर सोशल मीडिया पर मंत्री गोपाल भार्गव का जबर्दस्त समर्थन देखने को मिला। मंत्री भार्गव को किसी ने 'सिंघम' तो किसी ने 'बाहुबली' बताया। लोगों ने उन्हे 'हिम्मतवाला' नेता कहा जो उस समय आरक्षण के खिलाफ बयान दे रहा है जबकि सारी भाजपा दलितों को लुभाने के लिए कुछ भी करने को तैयार है।
क्या कहा था मंत्री गोपाल भार्गव ने
‘यदि योग्यता को दरकिनार कर अयोग्य लोगों का चयन किया जाएगा, यदि 90 फीसदी वाले को बैठा दिया जाएगा और 40 फीसदी वाले की नियुक्ति की जाएगी तो यह देश के लिए घातक है’। इसी के कारण भारत पिछड़ रहा है। भारत माता पिछड़ रहीं हैं। यह प्रकृति के नियमों के खिलाफ है। मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि जब देश आजाद हुआ था तब एक चौथाई सांसद-विधायक, अधिकारी, कर्मचारी हमारे वर्ग के थे लेकिन अब महज 10 फीसदी ही रह गए हैं।
इसका कारण यह है कि पहले नीति थी, अब अनीति है। उन्होंने राजनीतिक दलों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि हर दल ब्राह्रमणों का समर्थन तो चाहती है पर उसे देना कुछ नहीं चाहती।
सोशल मीडिया ने क्या कहा
Shailendra Sharma: मंत्री रहते हुए भी शेर की तरह गरजे गोपाल भार्गव। ब्राह्मणों का दर्द रखा मंच से। बढ़ाया ब्राह्मणों का सम्मान।
C S Tiwari @CSTiwari12: कोई बोला तो उन प्रतिभाशाली छात्रो के लिए। धन्यवाद माननीय मंत्री गोपाल भार्गव जी। जय हिन्द।
Raj Kumar Rai @rajkrrai: बात तो सही ही है। आरक्षण के मुद्दे पर देश में चल रही बहस के बीच मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री गोपाल भार्गव ने परशुराम जयंती के मौके पर सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए।
niteshpratap singh @niteshp25538127: मंत्री गोपाल भार्गव जी ने सही कहा है कि भारत का अगर सही से विकास करना है तो आरक्षण को जड़ से खत्म करने की जरूरत है।
SATEESH DUBEY @f4e36bc84e86476: अगर गोपाल भार्गव जी भगवान परशुराम की शपथ खाकर ,फिर वही बयान दोहरा दें , और वक्तव्य पर अडिग रहें ,तो उन्हें म, प्र, का आगामी मुख्य मंत्री बनने से कोई माई का लाल नहीं रोक सकता।
संघ प्रमुख मोहन भागवत के बाद अब मप्र के ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने भी आरक्षण समाप्ति के संकेत/सुझाव दिये हैं।— Jitu Patwari (@jitupatwari) April 16, 2018
—दलित संगठन एससी-एसटी एक्ट में बदलाव को लेकर सडक पर हैं, ऐसे में आरक्षण समाप्ति की बात “आग में घी” डालने जैसा है।
—भाजपाईयों को अमन-चैन से इतनी नफ़रत क्यों..? pic.twitter.com/XBe3onuwN7