भोपाल। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के चाहते हुए भी ज्योतिरादित्य सिंधिया मप्र में कांग्रेस की ओर से सीएम कैंडिडेट नहीं होंगे। जबकि इसी पद के दूसरे दावेदार कमलनाथ ने उनका समर्थन कर दिया था लेकिन मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एवं नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और फैसला टल गया। यह सबकुछ हुआ दिल्ली में आयोजित हुई एक बैठक में जिसमें राहुल गांधी के साथ उपरोक्त चारों दिग्गज नेता मौजूद थे।
सिंधिया को सीएम कैंडिडेट बनाने बुलाई थी बैठक
दिल्ली की लोकल मीडिया से खबर आ रही है कि राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए सिंधिया के नाम पर सहमति बनाने हेतु राज्य के पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई थी। पिछले 6 महीनों से नर्मदा यात्रा करने वाले दिग्विजय सिंह को विशेष रूप से बैठक में शामिल होने के लिए कहा गया था। दिग्विजय सिंह के अलावा कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता राहुल सिंह के अलावा अन्य नेताओं ने भी बैठक में हिस्सा लिया।
दिग्विजय सिंह ने जताई आपत्ति
जब राहुल गांधी ने इस संबंधी दिग्विजय के समक्ष सिंधिया का नाम रखा तो पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखते हुए सिंधिया लोगों को अपने साथ लेकर चलने में असमर्थ होंगे। उन्होंने कहा कि सिंधिया को लोगों और पार्टी वर्करों का विश्वास जीतने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी
कमलनाथ ने सिंधिया का समर्थन किया
मगर कमलनाथ इस संबंधी दिग्विजय की बात से सहमत नहीं थे। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी हाईकमान की इच्छा हो तो सिंधिया लोगों को स्वीकार होंगे। जब यह पूछा गया कि क्या सिंधिया आपको स्वीकार हैं तो कमलनाथ ने इसका उत्तर ‘हां’ में दिया।
नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी विरोध किया
स्व. अर्जुन सिंह के पुत्र राहुल सिंह ने भी सिंधिया के नाम का यह कहते हुए विरोध किया कि उनका ग्वालियर से बाहर कोई प्रभाव नहीं। बता दें कि दिग्विजय सिंह एवं अजय सिंह लगातार इस प्रयास में थे कि मप्र में कांग्रेस बिना चेहरे के चुनाव लड़े। अंतत: वो इसमें सफल भी हो गए।