रायसेन। प्रीति रघुवंशी आत्महत्या मामले में नया मोड़ आ गया है, जिसमें प्रीति के पिता चंदन सिंह ने उदयपुरा न्यायालय में दूसरा आवेदन दिया है। इसमें मंत्री रामपाल सिंह और उनकी पत्नी सहित दो पुत्रों के नाम पूर्व में एफआईआर के लिए दिए आवेदन में से हटाने की बात लिखी है। इसके पहले चंदनसिंह ने गिरजेश सहित उसके परिजन पर एफआईआर करने की मांग की थी। प्रीति के पिता के दो आवेदन मिलने के बाद यह मामला चलने योग्य है या नहीं। इस पर न्यायालय 21 मई को फैसला सुनाएगा।
चंदन सिंह का पहला आवेदन
9 अप्रैल 2018 को अपने वकील के माध्यम से न्यायालय में दिए आवेदन में चंदन सिंह ने धारा 156(3) दंड प्रक्रिया संहिता के तहत मंत्री रामपाल सिंह, पत्नी शशिप्रभा, पुत्र गिरजेश सहित अन्य दो पुत्र दुर्गेश और अवेश के खिलाफ एफआईआर की मांग की थी। मामले में कोर्ट ने पुलिस को आदेशित किया था कि 26 अप्रैल को अब तक की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।
चंदन सिंह का दूसरा आवेदन
25 अप्रैल को न्यायालय में दूसरे वकील के साथ पहुंचकर चंदन सिंह ने आवेदन प्रस्तुत किया कि पूर्व में प्रस्तुत आवेदन में से मंत्री व उनके परिजनों के नाम हटाए जाएं। वे केवल गिरजेश पर कार्रवाई चाहते हैं। न्यायालय ने इस आवेदन में वकील विजीत चक्रर के तर्क सुनने के बाद आदेश दिया है कि दूसरा आवेदन न्यायालय में चलने योग्य है अथवा नहीं इस संबंध में 21 मई को फैसला सुनाया जाएगा।
अब क्या हो सकता है इस मामले में
प्रीति आत्महत्या मामले में पिता चंदन सिंह के दो आवेदन न्यायालय में लगे हैं। पहले में आदेश पुलिस को प्रतिवेदन दिए जाने के आदेश हो चुका है, जबकि दूसरे पर फैसला 21 मई को होना है। जानकार वकीलों का कहना है कि दूसरे आवेदन में फरियादी के खिलाफ धारा 211, 182 आईपीसी के तहत कार्रवाई ही सकती है। अगर फैसला अनावेदक के खिलाफ जाता है तो प्रकरण कायम करने आदेश हो सकते हैं।
सवाल जिनके जवाब नहीं मिले
प्रीति के पिता चंदन रघुवंशी ने पहले 9 अप्रैल को कोर्ट में जो आवेदन दिया उसमें गिरजेश सहित परिजनों पर कार्रवाई की मांग की। 26 अप्रैल को कोर्ट में दिए आवेदन में सिर्फ गिरजेश पर कार्रवाई की मांग की 4 परिजनों पर कार्रवाई नहीं चाहना बताया, क्यों?
क्या पहले परिवाद दायर करते समय चंदन और उनका परिवार किसी दबाव में था?
क्या दूसरा आवेदन दायर करते समय चंदन और उनका परिवार किसी दबाव में है?
प्रीति के आत्महत्या के दौरान मिले सुसाइड नोट में परिजनों से बार-बार माफी मांगने, मंत्री रामपाल के बेटे व परिजनों का कोई उल्लेख नहीं करने अब प्रीति के पिता द्वारा सिर्फ गिरजेश पर कार्रवाई की मांग करने के पीछे क्या है कहानी?
सप्ताह भर पहले प्रीति के चाचा ने रघुवंशी समाज को दिए आवेदन में महासभा के प्रदेश अध्यक्ष और महिला संगठन की प्रदेश अध्यक्ष पर की जा रही कार्रवाई को न करने और उनके पक्ष में रखी बात का क्या है आशय?