भोपाल। मप्र में कांग्रेस की तरफ से सीएम कैंडिडेट के प्रबल दावेदार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लगता है अब मध्यप्रदेश से मुंह मोड़ लिया है। शायद वो पिछले कुछ दिनों में हुए घटनाक्रम से नाराज हैं। कारण जो भी हो परंतु यह स्पष्ट है कि वो मध्यप्रदेश की राजनीति से दूरी बना रहे हैं। सिंधिया इन दिनों ज्यादातर समय केंद्र की राजनीति को देने लगे हैं। वो बड़े मुद्दों पर बात कर रहे हैं या फिर अपनी लोकसभा सीट पर फोकस किए हुए हैं।
पिछले दिनों उन्होंने आजकल पर स्पेशल इंटरव्यू दिया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की खुलकर प्रशंसा की। मोदी सरकार पर जमकर हमला किया परंतु मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार के संदर्भ में उनके शब्द काफी नपे तुले थे। अपने सीएम कैंडिडेट के संदर्भ में भी उन्होंने डिप्लोमेटिकल आंसर किया जबकि इससे पहले ऐसा नहीं था। इसके बाद जब वो इंदौर आए। उनके अपने ग्वालियर में हिंसक प्रदर्शन हो रहे थे। ग्वालियर संभाग में आधा दर्जन से ज्यादा मौतों की पुष्टि हो चुकी थी परंतु उन्होंने तत्समय और उसके बाद भी ग्वालियर का रुख नहीं किया। एक औपचारिक ट्वीट जरूर किया परंतु शिवराज सरकार का घेराव नहीं किया। 5 बाबाओं को मंत्री बनाने के मामले में भी सिंधिया का बयान ध्यान में नहीं आया।
हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने नर्मदा परिक्रमा पूरी की है। परिक्रमा की शुरूआत में ज्योतिरादित्य सिंधिया विशेष रूप से परिक्रमा में शामिल होने आए थे। वो दिग्विजय सिंह की यात्रा के ध्वजवाहक भी बने। खुलकर प्रदर्शित किया कि वो दिग्विजय सिंह को अपना ज्येष्ठ और श्रेष्ठ मानते हैं परंतु समापन समारोह में नहीं आए। इसके बाद औंकारेश्वर में हुए दिग्विजय सिंह के धार्मिक आयोजन में भी नजर नहीं आए। बरमान घाट पर कार्यक्रम सम्पन्न हो जाने के करीब 20 घंटे बाद एक औपचारिक ट्वीट किया। सवाल यह है कि क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया का मन बदल गया है या फिर उन्हे कोई संकेत दिया गया है।