भोपाल। मध्यप्रदेाश के लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह राजपूत की पुत्र वधु प्रीति रघुवंशी द्वारा आत्महत्या करने के मामले में जब शिवराज सिंह सरकार ने एफआईआर तक दर्ज नहीं की तो न्याय की तलाश में प्रीति का परिवार कोर्ट की शरण में जा पहुंचा। शनिवार को भोपाल के सीनियर वकील अजय गुप्ता के माध्यम से प्रीति के पिता चंदन सिंह की तरफ से उदयपुरा के न्यायिक मजिस्ट्रेट अभिषेक सोनी के न्यायालय में परिवाद पेश किया गया है।
क्या है मामला
प्रीति रघुवंशी ने शनिवार 17 मार्च 2018 को सुबह अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। परिजनों ने बताया कि प्रीति मप्र के लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह की बहू थी और उसने 20 जून 2017 में भोपाल में आर्य समाज मंदिर में उनके मझले बेटे गिरजेश सिंह से शादी की थी लेकिन मंत्री रामपाल सिंह ने इस शादी को मानने से इंकार कर दिया और गिरजेश सिंह की शादी कहीं और तय कर दी। प्रीति का पति गिरजेश सिंह भी अपने मंत्री पिता की बातों में आ गया। खबर है कि गिरजेश सिंह ने मंत्री पिता द्वारा तय की गई लड़की से सगाई भी कर ली थी। इसी के साथ प्रीति ने आत्मघाती कदम उठाया।
पूरी सरकार मंत्री के बचाव में आ गई
इस घटना के खुलासे के बाद मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार मंत्री व उनके बेटे के बचाव में आ गई। प्रीति के पिता ने नामजद शिकायत की परंतु एफआईआर नहीं हुई। बयान केे नाम पर उन्हे तंग किया गया। लालच दिया, डराया, धमकाया। हालात यह बने कि प्रीति के परिवार ने भोपाल आकर बयान दर्ज कराए फिर भी पुलिस की जांच आगे नहीं बढ़ी। अंतत: अब मामला कोर्ट की चौखट पर पहुंच गया है।