भोपाल। नीति आयोग के पैमानों में मध्य प्रदेश के 8 जिले बीमारू हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इन दिनों में पदस्थ रहे करीब आधा दर्जन कलेक्टर ऐसे हैं जो हीरो बनकर निकले। उन्होंने आवार्ड हासिल किए और तालियां बटोरी। सवाल यह है कि यदि वो इतने ही योग्य और क्रिएटिव थे तो अपने जिले को बीमारू क्यों होने दिया। उसके लिए कुछ भी क्यों नहीं किया। चौंकाने वाली बात यह है कि इन जिलों के कलेक्टरों के पास अभी भी कोई ऐसा रोडमैप नहीं है, जिससे सुधार की गुंजाइश दिखे। एक बड़ा तथ्य निकलकर सामने आया है कि जिलों के कलेक्टर्स का जिस काम के लिए अवॉर्ड मिले उन्हीं मामलों में उनके जिले पिछड़े हुए हैं। तो क्या वो अवॉर्ड फिक्स थे ?
1. तेजस्वी एस. नायक
बड़वानी के कलेक्टर तेजस्वी एस. नायक को स्वास्थ्य सेवाओं में नवाचार के लिए अवॉर्ड मिल चुका है। नीति आयोग ने स्वास्थ्य के मामले में बड़वानी को पिछड़े जिलों में भी 54वीं रैंक दी है। जिस पहाड़ी अंचल में टीके लगवाने के काम के लिए अवॉर्ड मिला, उसी पहाड़ी क्षेत्र के मरीजों को झोली में डालकर कंधे पर लादते हुए कई किलोमीटर पैदल ले जाना पड़ता है।
2. एसबी सिंह
2007 से 2010 तक कलेक्टर रहे रिटायर्ड आईएएस अधिकारी एसबी सिंह को खंडवा में स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर काम के लिए अवॉर्ड मिला था। नीति आयोग ने जिले को स्वास्थ्य क्षेत्र में 91वीं रैंक दी है। जिले में ग्रामीण क्षेत्रों के लोग सरकारी अस्पताल में कंपाउंडर और नर्सों के भरोसे हैं।
3. श्रीनिवास शर्मा
दमोह कलेक्टर को मुख्यमंत्री ने युवा उद्यमियों के लिए अवॉर्ड दिया था। नीति आयोग ने जिले को शिक्षा में 40वीं, कृषि में 45वीं रैंक दी है। स्किल डेवलपमेंट में जिले को 11वीं रैंक दी है।
4. राजेश जैन
कलेक्टर राजेश जैन को सरकारी अस्पतालों में बिना डॉक्टर के प्रसव कराने के लिए अवॉर्ड मिला है। नीति आयोग ने माना है कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बेहद खराब है और उसे स्वास्थ्य के मामले में 47वीं और शिक्षा के लिए 88वीं रैंकिंग दी है।
अब PMO करेगा मॉनिटर
नीति आयोग द्वारा चिन्हित किए गए पिछड़े जिलों के विकास कार्य की मॉनिटरिंग अब सीे पीएमओ से भी होगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने हर जिले के लिए एक-एक नोडल ऑफिसर भी बना दिया है। इसके साथ ही राज्य सरकार के अधिकारियों को भी जिले का नोडल अधिकारी बनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अप्रैल को मंडला में खुद इन आठ जिलों के कलेक्टर्स के साथ बैठकर जिलों के विकास के रोडमैप पर बातचीत करेंगे और फीडबैक लेंगे।