अचानक नागपुर पहुंचे शिवराज, भागवत और भैयाजी के सामने पेश हुए | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनावी साल है। सीएम शिवराज सिंह चौहान कई समस्याओं से एक साथ जूझ रहे हैं और इसी के साथ कई विवादित फैसले भी ले रहे हैं। एक तरफ नंदकुमार सिंह चौहान की कुर्सी बचाए रखने की जद्दोजहद के बीच पिछले दिनों उन्होंने मप्र के 5 बाबाओं को मंत्री का दर्जा दे दिया। देश भर में भाजपा की काफी किरकिरी हुई। बुधवार को शिवराज सिंह अचानक नागपुर पहुंचे। बताया जा रहा है कि उन्हे तलब किया गया था। संघ प्रमुख मोहन भागवत व भैयाजी जोशी केे सामने उनकी पेशी हुई। 

अंदर क्या बातचीत हुई इसका खुलासा नहीं हुआ है परंतु अनुमान लगाया जा रहा है कि बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने से संघ भी नाराज है। संघ नेताओं ने कहा कि संतों को मंत्री दर्जा देना ही था तो विचारधारा से जुड़े संतों को प्रमुखता देनी थी। इसके लिए आपको संघ या विश्व हिंदू परिषद से बातचीत कर सलाह लेनी थी।सूत्रों का मानना है कि लगभग 40 मिनट तक चली इस मुलाकात में मुख्यमंत्री ने 2 अप्रैल को दलित उपद्रव के दौरान फैली हिंसा पर भी सफाई दी। संघ की समन्वय बैठक में भी यह मुद्दा उठा था। संघ ने उपद्रव के दौरान सरकार के फैल होने का मुद्दा उठाया।

सीएम का समय आरक्षित
सीएम ने प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति के बारे में भी बातचीत की। विधानसभा चुनाव जीतने के नजरिए से पसंद का अध्यक्ष बनाए जाने के लिए आग्रह किया है। इधर, दिनभर सोशल मीडिया में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के नाम को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा, जिसमें जल संसाधन मंत्री नरोत्तम मिश्रा के नाम की चर्चा रही। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गुरुवार का देर रात को कार्यक्रम जारी किया गया है। इसके मुताबिक सुबह 10 बजे मंत्रालय में कैबिनेट होगी और बाद का समय मुख्यमंत्री ने आरक्षित रखा है।

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