
दोपहर में जैसे ही वारासिवनी सीमा में बसें पहुंची कि रास्ते में खडे पुलिस बल ने बसों को रोककर वापिस जाने को कहा तथा सूचित किया कि सीएम आकर चले गये, आप लोग भी वापिस हो जाओ। आखिरकार वे बसे वापिस छिंदवाड़ा के लिए मोड दी गईं। भूखे प्यासे किसानों के लिए न तो जाते में और न तो आते में ग्राम सेवकों ने जो कि बस याञा के प्रभारी थे, कोई भी व्यवस्था भूखे प्यासे किसानो के लिए नही कर सके। परिणाम यह हुआ है कि उमरिया का एक किसान गोपाल सरेयाम को जिले के ग्राम समसवाडा में चक्कर आ गया। किंतु बस रोककर वहां पर मेडीकल सहायता की कोशिश साथी किसानो ने की पर वहां कोई चिकित्सक का पता न मिलने पर बस बीमार किसान को लेकर छिंदवाड़ा वापिस आ गई।
छिंदवाड़ा जिले से 100 से भी अधिक गाडियाँ भेजने लक्ष्य रखा गया था, कितनी बसें गई कितने किसान उसमें गये। यह पता नही चल सका है। उक्त विवरण मात्र मोहखेड विकासखंड से गई पांच सात बसों का ही है। देर रात नौ बजे के आसपास किसानों का दल अपने विकासखंड मुख्यालय पहुचे है।