
नंदकुमार सिंह चौहान की शिवराज सिंह के प्रति भक्ति और शिवराज सिंह का नंदूभैया के प्रति प्रेम कौन नहीं जानता। सीएम शिवराज सिंह ने ही उन्हे भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष बनवाया और फिर तमाम विरोधों के बावजूद कुर्सी पर बनाए रखा। संगठन में विरोध जब बहुत बढ़ गया और बात बार बार दिल्ली तक पहुंचने लगी तो अंतत: शिवराज सिंह ने नंदकुमार सिंह चौहान की सम्मानजनक वापसी करवा दी। कहते हैं नए अध्यक्ष का चुनाव भी शिवराज सिंह की पसंद से ही हुआ है।
भाजपा ने नंदकुमार सिंह चौहान को राष्ट्रीय कार्यसमिति में सदस्य बना दिया। यह कुछ ऐसा था कि बस विजिटिंग कार्ड पर छापने के लिए कुछ मिल गया है। इधर बताया जा रहा है कि खंडवा लोकसभा सीट पर अरुण यादव लगातार अपनी पकड़ मजबूत करते जा रहे हैं। 'शिवराज परिक्रमा' के कारण नंदकुमार सिंह चौहान की पकड़ ढीली हो गई है। अत: शिवराज सिंह सारी समस्याओं का एक हल निकाल लिया। सूत्र कहते हैं कि नंदकुमार सिंह के विधानसभा चुनाव लड़ने से दोनों की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी। नंदकुमार सिंह हमेशा शिवराज सिंह के पास रहेंगे और नंदकुमार सिंह को प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी से उतरने के बाद मंत्री पद मिल जाएगा।