भोपाल। यह सवाल अब राजनीति के गलियारों में लहरा रहा है। दरअसल, जनाक्रोश रैली के बाद दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश आ गए जबकि दिल्ली में मप्र के नेताओं की कोर कमेटी बैठक चल रही थी। राहुल गांधी बैठक को संबोधित कर रहे थे। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जीतू पटवारी, विवेक तन्खा, दीपक बाबरिया समेत कई दिग्गज मौजूद थे, केवल दिग्विजय सिंह नहीं थे। पहले खबर आई कि दिग्विजय सिंह रूठे हुए हैं परंतु अब बताया जा रहा है कि राहुल गांधी उनसे नाराज हैं।
सच क्या है यह तो दोनों ही जानें लेकिन बताया जा रहा है कि पिछले दिनों दिग्विजय सिंह के 2 कदम ऐसे थे जिससे राहुल गांधी नाराज हो गए।
पहला: राहुल गांधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया को मप्र में सीएम कैंडिडेट बनाना चाहते थे परंतु दिग्विजय सिंह, नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह एवं इनके गुट के नेताओं ने इसका विरोध किया।
दूसरा: नर्मदा यात्रा के बाद दिग्विजय सिंह, राहुल गांधी से मिलने दिल्ली गए थे परंतु राहुल गांधी उनसे नहीं मिले। लम्बे इंतजार के बाद दिग्विजय सिंह वापस आ गए और उन्होंने राजनैतिक यात्रा का ऐलान कर दिया। संगठन की अनुमति के बिना इतनी बड़ी यात्रा का ऐलान करना राहुल गांधी को पसंद नहीं आया।
लगातार सवाल किया जा रहा था कि यह कांग्रेस की राजनीतिक यात्रा होगी या दिग्विजय सिंह की। बीते रोज बातों बातों में उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि उनकी राजनीतिक यात्रा का रूपरेखा संगठन बनाएगा। बिना राष्ट्रीय अध्यक्ष की अनुमति के उन्होंने मप्र में, चुनावी साल में इस तरह की यात्रा का ऐलान क्यों किया, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।