भोपाल। कांग्रेस में एक बार फिर गुटबाजी का रंग सुर्ख हो गया है। जैसे ही ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच मनमुटाव की बात सामने आई, उनके समर्थकों के बीच तलवारें खिंचना शुरू हो गईं। सिंधिया के क्षेत्र शिवपुरी में कांग्रेस के पर्यवेक्षकों के सामने दोनों गुट आपस में इस कदर भिड़े कि मामला शांत कराने के लिए पुलिस को आना पड़ा। दोनों गुटों के बीच सारी कुश्ती शहर कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धार्थ लढ़ा के दंगल में लड़ी गई। हमेशा की तरह कोई नतीजा नहीं निकला। बस एक बात तय हो गई। कांग्रेस में गुटबाजी कायम है।
संगठन की बैठक में 100 हम्माल लेकर पहुंचे नेता
शिवपुरी में शहर कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धार्थ लढ़ा के घर पर दक्षिण ब्लॉक की बैठक चल रही थी। इस बैठक में बतौर आॅब्जर्वर ग्वालियर जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष मोहन सिंह राठौड, दीवान हरसी और हसमत सिद्दीकी शामिल हुए। इनको उत्तर ब्लॉक के लिए पदाधिकारियों का चयन करना था। लेकिन इससे पहले कि ये चयन कर पाते वहां पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता और कांग्रेस नेता इब्राहिम खान करीब 100 हम्मालों को लेकर पहुंच गए। वहां पहले से आब्जर्वरों के साथ कांग्रेस के प्रवक्ता हरवीर सिंह रघुवंशी, पोहरी के पूर्व विधायक हरीवल्लभ शुक्ला, पूर्व नपा उपाध्यक्ष पदम काका और कांग्रेस के उप्पल खान अौर बासित अली मौजूद थे।
तुम्हारे कारण ही सिंधिया सीएम कैंडिडेट प्रोजेक्ट नहीं हो पा रहे
बैठक में जैसे ही उत्तर के पदाधिकारियों को दक्षिण के लोगों ने देखा तो सिंधिया समर्थक उप्पल खान ने कहना शुरु कर दिया कि हमारे ज्योतिरादित्य सिंधिया इसलिए मप्र में मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं हो पा रहे हैं, क्योंकि तुम जैसे लोग ओछी राजनीति करते हो। इतना सुनते ही बासित अली ने इन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन किसी ने किसी की नहीं मानी।
सीनियर नेता चुपके से खिसक गए
इस बीच पूर्व नपाध्यक्ष पदम काका और जिला कांग्रेस प्रवक्ता हरवीर रघुवंशी अापस में भिड़ गए। इन दोनों के बीच जमकर गाली गलौज हुई और नौबत मारपीट तक आ गई। विवाद बढ़ता देख पर्यवेक्षक उठकर चले गए। पूर्व विधायक हरी वल्लभ शुक्ला भी चुपचाप वहां से खिसक लिए। इसके बाद कांग्रेस के नेता राजेंद्र शर्मा और उप्पल खान भिड़ पड़े। पूरे समय सिंधिया गुट और दिग्विजय सिंह गुट के नेताओं के बीच विवाद हुआ।
सिंधिया से पहले उनके पीए को सेट करना पड़ता है
बैठक में कांग्रेस के पार्षद बबलू और पूर्व पार्षद इरशाद पठान पहुंच गए। बबलू को देखकर इरशाद ने कहा कि तुम लोगों की पैरवी मैं तो कर रहा हूं। फिर तुम यहां कैसे आ गए। इस पर बबलू भड़क गए और उन्होंने कहा कि तुम कौन होते हो हमारी पैरवी करने वाले। इरशाद यहां जोर- जोर से चिल्ला रहे थे कि महाराज के यहां महाराज से पहले उनके पीए सेट करने पड़ते हैं।