भोपाल। प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ गठित किया गया संगठन सामान्य, पिछड़ा, अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी-कर्मचारी संगठन (सपाक्स) अब सियासी हो गया है। संगठन के नेताओं ने एक नई राजनीतिक पार्टी का गठन कर लिया है। पंजीयन के लिए भारत निर्वाचन आयोग में आवेदन कर दिया गया है। एक माह के भीतर सर्टिफाइड भी हो जाएगी। बता दें कि सपाक्स का गठन प्रमोशन में आरक्षण के संदर्भ में हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में बचाने के लिए किया गया था। इसका एकमात्र लक्ष्य यही था। उस मामले का तो कुछ नहीं हुआ। राजनीति शुरू हो गई।
सपाक्स के नेताओं का दावा है कि उनके इस कदम ने सत्ता के गलियारे में हलचल पैदा कर दी है। सपाक्स प्रदेश का पहला कर्मचारी संगठन है, जो पार्टी बनाकर सियासत में कूद रहा है। संगठन चित्रकूट विधानसभा के उपचुनाव में अपना प्रत्याशी उतारकर और अटेर, कोलारस व मुंगावली में भाजपा के खिलाफ प्रचार कर प्रदेश का राजनीतिक आकलन कर चुका है। अब पार्टी के लिए जमीन तैयार की जा रही है। हर सप्ताह किसी ने किसी जिले में संगठन के सम्मेलन हो रहे हैं।
पार्टी का नाम 'उगता सूरज"
सपाक्स ने पार्टी का नाम 'उगता सूरज पार्टी" रखा है। नई पार्टी विधानसभा चुनाव में केसरिया ध्वज पर उगते सूरज का चिन्ह लेकर मैदान में उतर सकती है। संगठन ने तय किया है कि वे क्षेत्रीय स्तर पर सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के साफ-सुथरी छवि के लोगों को मैदान में उतारेंगे।
लोकपाल आंदोलन से भी पैदा हुई थी एक पार्टी
आपको याद होगा दिल्ली में हुए एतिहासिक लोकपाल आंदोलन से भी एक पार्टी पैदा हुई थी। अब मप्र में भी आरक्षण के खिलाफ आंदोलन से नई पार्टी पैदा हो गई है। नेताओं का मानना है कि वो मप्र की सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और शिवराज सिंह का विरोध होने के कारण सत्ता में आ जाएंगे।