उदयपुरा। प्रीति रघुवंशी की मौत के बाद उनका बेटा गिरजेश सिंह अस्थी संचय के लिए आया और तब कहीं जाकर लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह ने प्रीति को बहु माना। यदि वो पहले ही उसे बहु मान लेते तो प्रीति जिंदा होती। यह बात मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ने न्याय यात्रा की शुरूआत करते हुए कही। इस दौरान एक सभा का आयोजन किया गया जिसमें काफी संख्या में लोग उपस्थित थे। प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव सहित कई दिग्गज नेता भी मौजूद थे।
इन जगहों से गुजरेगी यात्रा :
उदयपुरा से शुरू हुई यात्रा सिलवानी, गैरतगंज, रायसेन होते हुए भोपाल पहुंचेंगी। गुरुवार को रात्रि विश्राम रायसेन में है। शुक्रवार को सुबह सलामतपुर, दीवानगंज होकर सूखी सेवनिया के रास्ते यात्रा भोपाल पहुंचेगी।
24 घंटे के अंदर दर्ज हो FIR
विपक्ष के नेता अजय सिंह ने बहुचर्चित प्रीति रघुवंशी आत्महत्या मामले को उठाया और कहा कि इस मामले में मंत्री रामपाल सिंह का परिवार दोषी है। इसलिए इन सभी के खिलाफ 24 घंटे के अंदर प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रीति की मौत के बाद काफी दबाव पड़ने पर मंत्री ने प्रीति को बहू माना। यदि वह पहले ही ऐसा कर लेते तो प्रीति को आत्महत्या नहीं करना पड़ती।
भाजपा को सबक सिखाएगी जनता
अब मंत्री का परिवार प्रीति के प्रभावित परिजनों पर दबाव डालकर समझौता कराना चाहता है। राज्य की शिवराज सरकार भी प्रभावितों को न्याय नहीं दिला रही है। इसलिए जनता आने वाले समय में मुख्यमंत्री को सबक सिखाकर परिवार को न्याय दिलाएगी।
यहां बता दें कि मंत्री रामपाल सिंह की पुत्रवधू उदयपुरा निवासी प्रीति रघुवंशी ने मार्च में आत्महत्या कर ली थी। मंत्री श्री सिंह के बेटे गिरजेश की शादी दूसरी जगह तय कर दी गई थी, जिससे वह आहत थी। पहले मंत्री ने उसे अपनी बहू मानने से इनकार किया था, लेकिन बाद में यह बात स्वीकार कर ली थी।