इंदौर। मप्र लोकसेवा आयोग (पीएससी) ने सोमवार को आधिकारिक सूचना जारी कर सहायक प्राध्यापक चयन प्रक्रिया स्थगित कर दी। इस प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। इसके बाद उच्च शिक्षा विभाग ने लोकसेवा आयोग को प्रक्रिया स्थगित करने के लिए लिखा। आयोग ने सोमवार को इसकी आधिकारिक सूचना जारी कर दी। बता दें कि 20 साल बाद यह परीक्षा आयोजित होने जा रही थी जो अटक गई है।
इससे पहले 2015-16 में दो बार भर्ती विज्ञापन जारी होने व आवेदन के बाद प्रक्रिया रद्द कर दी गई थी। ताजा प्रक्रिया के लिए पीएससी ने दिसंबर 2017 में विज्ञापन जारी किया था। इस बार चयन प्रक्रिया से करीब तीन हजार पदों पर नियुक्ति की जाना है। प्रदेश में सहायक प्राध्यापकों की भर्ती कम से कम 20 वर्ष बाद हो रही थी। इसी के मद्देनजर उम्मीदवारों ने मांग रखी थी कि अरसे तक भर्ती नहीं होने से कई योग्य उम्मीदवार इस बार की प्रक्रिया में आयु सीमा के दायरे से बाहर हो रहे हैं। शासन ने उन्हीं को ध्यान में रखते हुए आयु सीमा में छूट दी थी। हालांकि छूट सिर्फ मप्र के उम्मीदवारों को दी जा रही थी।
इस पर अन्य प्रदेशों के उम्मीदवारों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। कोर्ट ने आयु सीमा में अतिरिक्त छूट को नियम विरुद्ध करार दिया था। उच्च शिक्षा विभाग हाई कोर्ट के उसी आदेश पर सुप्रीम कोर्ट में अपील करने जा रहा है। पीएससी के मुताबिक उच्च शिक्षा विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने की प्रक्रिया के तहत सहायक प्राध्यापक चयन प्रक्रिया पर स्थगन का अनुरोध किया है।