नई दिल्ली। दलित आंदोलन के दौरान हिंसा के कारण कई राज्यों में फैले जातिगत तनाव के बाद अब भाजपा के सामने एक और चुनौती आ रही है। यौनशोषण के मामले में जेल में कैद आसाराम के मामले में फैसले की तारीख तय हो गई है। इसी के साथ एक नई समस्या सामने आ गई है। सुनवाई जोधपुर राजस्थान में हो रही है जहां भाजपा सरकार है। देश भर में आसाराम समर्थक मौजूद हैं। हालात यह हैं कि जोधपुर पुलिस ने राजस्थान हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई है कि 25 अप्रैल को आसाराम पर जब फैसला सुनाया जाए तो आसाराम को जेल के अंदर ही रखा जाए।
पुलिस को हिंसा भड़कने का डर
जोधपुर पुलिस को डर है कि आसाराम को अगर फैसले के दिन जेल से कोर्ट लाया गया तो पंचकुला की तरह वहां हिंसा भड़क सकती है। हरियाणा के पंचकुला में राम रहीम की कोर्ट में पेशी के दौरान भड़की हिंसा को देखते हुए राजस्थान पुलिस ने मांग की है कि कोर्ट जब आसाराम पर फैसला करे, तो आसाराम को सुरक्षा कारणों से जेल में ही रखा जाए।
जोधपुर में धारा 144 लगेगी, होटलों में रुकने नहीं दिया जाएगा
पुलिस को आशंका कि बड़ी संख्या में आसाराम के समर्थक देशभर से जोधपुर आ सकते हैं। ऐसे में उन्हें कंट्रोल करना आसान नहीं होगा। कोर्ट ने जोधपुर पुलिस की याचिका स्वीकार कर ली है। जिस पर मंगलवार को फैसला सुनाया जा सकता है। हालांकि पुलिस ने तय किया है कि 5 दिन पहले से ही जोधपुर में आसाराम के सभी आश्रम खाली करा लिए जाएंगे। होटल और धर्मशालाओं को निर्देश दिए जाएंगे कि आरोपी आसाराम के किसी भी समर्थक को जोधपुर में आसरा ना दें। साथ ही शहर में धारा 144 लगाने की भी तैयारी की जा रही है।
गौरतलब है कि बड़ी संख्या में आसाराम के समर्थक आज भी जेल जेल के बाहर मौजूद रहते हैं और जब आसाराम पेशी पर कोर्ट लाए जाते हैं तो आसाराम के पीछे पीछे सारी समर्थक कोर्ट में जमा होते हैं कई बार तो पुलिस को लाठीचार्ज तक करनी पड़ी है।