
बता दें कि दो अप्रैल को जो प्रदर्शन हुआ था, उसके विरोध में सर्व समाज और अन्य संस्थाओं (आरक्षण की विरोधी संस्थाओं) की ओर से भारत बंद बुलाया गया है। यह बंद आरक्षण के खिलाफ है। इससे पहले हुए दलितों के भारत बंद में काफी हिंसा हुई थी। प्रदर्शनकर्ताओं ने आगजनी और तोड़फोड़ की थी। मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में करीब एक दर्जन लोगों की मौत हो गई थी।
मध्यप्रदेश पर रहेगी दिल्ली की नजर
दो अप्रैल को दलितों द्वारा बुलाए भारत बंद में मध्यप्रदेश में सबसे अधिक हिंसा हुई थी। यहां ग्वालियर, मुरैना और भिंड में हुई हिंसा में 8 लोगों को मौत हुई थी। मध्यप्रदेश पुलिस की इंटेलीजेंस शाखा की पूर्व चेतावनी के बावजूद दो अप्रैल को इन तीन जिलों में हिंसा रोकी नहीं जा सकी। इन जिलों में आठ लोगों की मौत हो गयी ऐसे में मध्यप्रदेश शासन 10 अप्रैल को प्रस्तावित भारत बंद और 14 अप्रैल को डॉ बीआर अम्बेडकर की जयंती के मद्देनजर प्रशासन पूरी तरह सतर्कता बरत रहा है।