
पुलिस ने गैंगरेप नहीं होने के दावे को खारिज किया
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, क्राइम ब्रांच ने बयान में कहा है कि कठुआ केस में जांच और सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की जाएगी। इसकी प्रक्रिया फिलहाल चल रही है। क्राइम ब्रांच ने ऐसी सभी मीडिया रिपोर्ट्स को भी सिरे से खारिज कर दिया। जिनमें दावा किया गया था कि बकरवाल समुदाय की नाबालिग की हत्या से पहले उसके साथ रेप नहीं हुआ। बता दें कि पिछले दिनों एक अखबार में छपी खबर की तस्वीर को यूजर्स सोशल मीडिया में शेयर कर रहे हैं। रिपोर्ट में अखबार के दावे के जरिए पुलिस कार्रवाई पर सवाल खड़े किए गए थे।
मेडिकल रिपोर्ट के बाद ही गैंगरेप की धारा जोड़ी: पुलिस
बयान में कहा गया है कि कठुआ मामले में मेडिकल एक्सपर्ट्स ने जांच के बाद जो रिपोर्ट सौंपी, उसमें इस बात की पुष्टि की गई थी कि आरोपियों ने बच्ची के साथ यौन उत्पीडन किया। मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता का हाइमन (गुप्तांग की झिल्ली) पूरी तरह से दुरुस्त नहीं थी। इसी आधार पर बाद में 376 डी (गैंगरेप) की धारा जोड़ी गई।
संदेह की स्थिति क्यों बनी
क्राइम ब्रांच ने आगे बताया कि चूंकि आरोपियों ने कई दिनों तक बच्ची को बंधक बनाकर रखा। इस मामले में संदेह की स्थिति इसलिए बनी क्योंकि मेडिकल रिपोर्ट में उसकी मौत की वजह दम घुटने और उसके चलते कार्डियोपल्मोनरी अटैक बताई गई।
क्या है मामला?
जम्मू-कश्मीर में कठुआ जिले के रासना गांव में बकरवाल समुदाय की 8 साल की बच्ची को 10 जनवरी में अगवा किया गया था। एक हफ्ते बाद घर से कुछ दूर उसका शव बरामद हुआ था। 10 अप्रैल को दायर पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, बच्ची की गैंगरेप के बाद हत्या की गई थी। आरोप गांव के एक मंदिर के सेवादार पर लगा। कहा जा रहा है कि बकरवाल समुदाय को गांव से बेदखल करने के इरादे से यह साजिश रची गई थी। इस मामले में एक नाबालिग समेत 8 लोगों को आरोपी बनाया गया है। सभी को गिरफ्तार किया जा चुका है। सेशन कोर्ट इस केस की 28 अप्रैल को सुनवाई करेगा।