नई दिल्ली। विहिप के पूर्व महासचिव प्रवीण तोगड़िया ने बंद मुट्ठी खोल दी। ‘अनिश्चितकालीन उपवास’ पर बैठे तोगड़िया 72 घंटे भी नहीं टिक पाए और उन्होंने उपवास तोड़ दिया। पेशे से सर्जन तोगड़िया ने दलील दी कि डॉक्टर के कहने पर वो उपवास तोड़ रहे हैं। बता दें कि इससे पहले 80 साल के अण्णा हजारे ने भी दिल्ली में उपवास शुरू किया था। वो भी मांग पूरी होने तक ‘अनिश्चितकालीन उपवास’ पर थे परंतु आश्वासन के साथ ही उठ गए। तोगड़िया तो हजारे जितना भी नहीं टिक पाए। अब तक प्रवीण तोगड़िया विहिप की विभाजित हुई ताकतों में बंद मुट्ठी की तरह थे। उनके नाम की दहशत भी थी परंतु उपवास तोड़ने के बाद यह मुट्ठी भी खुल गई।
तोगड़िया ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समेत कई मांगों को लेकर तीन दिन से चल रहा अपना ‘अनिश्चितकालीन उपवास’ आज खत्म कर दिया। उपवास तोड़ने के बाद तोगड़िया ने कहा कि वह ‘ हिंदुत्ववादी राजनीति’ के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी दौरा करेंगे। 62 साल के तोगड़िया ने कहा कि वह डॉक्टरों की सलाह पर अपना उपवास खत्म कर रहे हैं। सर्जन से तेजतर्रार नेता बने तोगड़िया ने धर्म गुरुओं से फलों का जूस पीकर अपना उपवास तोड़ा।
अखिलेश्वर दास महाराज के नेतृत्व में धार्मिक नेताओं ने उनसे उपवास खत्म करने का अनुरोध किया था। पिछले हफ्ते अपने नामित उम्मीदवार के संगठन चुनावों में हारने के बाद तोगड़िया ने विश्व हिंदू परिषद छोड़ दी थी। राम मंदिर के निर्माण, अवैध बांग्लादेशियों को वापस भेजने, कश्मीर में हिन्दुओं को फिर से बसाने और संविधान की धारा 370 को रद किये जाने की मांगों को लेकर उन्होंने मंगलवार से अनिश्चितकालीन उपवास शुरू कर दिया था।
अब भाजपा के खिलाफ दौरे करेंगे
तोगड़िया ने संवाददाताओं से बातचीत में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे भी अपने पूर्ववर्तियों की तरह ही बुरे साबित हुए हैं। वह अपने ही किए वादे पूरे करने में नाकाम रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह 100 करोड़ हिन्दुओं के मुद्दों और हिंदुत्ववादी राजनीति को फिर से जिन्दा करने के लिये राष्ट्रव्यापी दौरा शुरू करेंगे। क्योंकि भाजपा सरकार देश के सामने आ रही समस्याओं को सुलझाने में विफल रही है।