AHMEDABAD | GUJARAT NEWS | गुजरात विधानसभा के स्पीकर राजेंद्र त्रिवेदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संविधान निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर को 'ब्राह्मण' बताया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कृष्ण भगवान ओबीसी थे, जिन्हें ऋषि संदीपनी (ब्राह्मण) ने भगवान बनाया था। इसी प्रकार क्षत्रिय राजा राम को भी ब्राह्मणों ने भगवान के रूप में प्रतिष्ठित किया। त्रिवेदी गांधीनगर में 'समस्त गुजरात ब्रह्म समाज' के ब्राह्मण व्यापार-रोजगार सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने शब्दों का आशय भी बताया। उन्होंने कहा ब्राह्मण से तात्पर्य ऐसा उच्चशिक्षित व्यक्ति जो तर्क और तथ्यों को परखना जानता हो और सत्ता का भूखा ना हो।
राम और कृष्ण को ब्राह्मण ने भगवान बनाया
गुजरात विधानसभा के स्पीकर ने कहा कि ब्राह्मण कभी भी सत्ता के भूखे नहीं रहे। उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों ने राजाओं के लिए सफलता का मार्ग प्रशस्त किया है और इस दौरान चंद्रगुप्त मौर्य, श्रीराम और श्रीकृष्ण का उदाहरण दिया। राजेंद्र त्रिवेदी ने कहा, 'मैं हमेशा कहता हूं कि ब्राह्मणों ने ही भगवान बनाए। भगवान राम एक क्षत्रिय थे, लेकिन ऋषि-मुनियों ने उन्हें भगवान बनाया। गोकुल के चरवाहे को हम ओबीसी कहेंगे, उस ओबीसी को भगवान किसने बनाया? संदीपनी ऋषि ने, एक ब्राह्मण ने। भगवान व्यास एक मत्स्यकन्या के बेटे थे और उन्हें भी ब्राह्मणों ने भगवान बनाया।
ब्राह्मण सत्ता का भूखा नहीं होता
इस मौके पर गुजरात के सीएम विजय रुपाणी और डिप्टी सीएम नितिन पटेल भी मौजूद थे। इस दौरान त्रिवेदी ने 'अर्थशास्त्र' के लेखक और चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु चाणक्य का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अगर चाणक्य चाहते तो खुद राजा बन जाते, लेकिन ब्राह्मण कभी सत्ता का भूखा नहीं होता। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण हमेशा पूरे समाज की भलाई के बारे में सोचता है।
बताया अंबेडकर और मोदी ब्राह्मण क्यों हैं
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक त्रिवेदी ने ब्राह्मणों की तुलना उबले हुए दूध के ऊपर जमने वाली मलाई से की। अपने भाषण के अंत में उन्होंने कहा कि हर पढ़ा-लिखा इंसान ब्राह्मण होता है। उन्होंने कहा, 'मुझे यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि अंबेडकर भी एक ब्राह्मण थे। वह अपने सरनेम की वजह से ब्राह्मण थे जो उनके एक ब्राह्मण टीचर ने दिया था। मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी ब्राह्मण हैं।
उन्होंने अपने भाषण में बताया कि ब्राह्मण समुदाय ने देश को पांच राष्ट्रपति, सात प्रधानमंत्री , 50 मुख्यमंत्री, 50 से ज्यादा राज्यपाल, 27 भारत रत्न विजेता और सात नोबल पुरस्कार विजेता दिए हैं। इस सम्मेलन में रोजगार की तलाश में आए हजारों युवा शामिल हुए थे।