
परमिंदर की बहन निर्मला ने कहा, 'डॉक्टर ने थक्के हटाने के लिए ऑपरेशन किया, मगर वह 8 मार्च को हुए ऑपरेशन के बाद से कोमा में हैं।' करीब 40 दिन तक अस्पताल में रहने के बाद बिल 6 लाख रुपए तक हो गया, जिसके बाद परिवार ने परमिंदर को बीएमसी द्वारा संचालित अस्पताल में भर्ती कराया।
निर्मला ने बताया कि परमिंदर को 12 अप्रैल को आईसीयू में लाया गया था। इसी रविवार को उन्हें आईसीयू से जनरल वॉर्ड में शिफ्ट किया गया था। निर्मला ने दावा किया कि यहीं एक चूहे ने उनकी एक आंख कुतर दी। निर्मला ने कहा, 'परमिंदर के चेहरे, कपड़ों और बेडशीट पर हर तरफ खून पड़ा था। जिसके बाद डॉक्टर ने हमें टिटनस का इंजेक्शन लाने के लिए बोला।'
इस बारे में जब एनबीटी ने अस्पताल से बात की, तो वहां के सुपरिटेंडेंट हरभान सिंह भावा ने बताया कि हमने मरीज की जांच की है, लेकिन हमें चूहे के काटने के निशान नहीं मिले हैं। मरीज को काफी नाजुक स्थिति में अस्पताल में लाया गया था, उसे बेहतर करने के लिए हम अपनी तरफ से हर संभव कोशिश कर रहे हैं।