मोदी सरकार ने डालमिया को दे दिया लालकिला, मचा बवाल | NATIONAL NEWS

Bhopal Samachar
NEW DELHI NEWS | दिल्ली स्थित लालकिला भारत के वैभव और शौर्य की निशानी है। 15 अगस्त को भारत के प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर से ही देश को संबोधित करते आए हैं परंतु भारत के लोकतंत्र और स्वाभिमान का प्रतीक यही लालकिला अब डालमिया भारत नाम की कंपनी को सौंप दिया गया। यह कंपनी अब पर्यटकों ने लालकिला में प्रवेश करने के बदले फीस लेगी। सरकार खुश है कि उसे लालकिले के रखरखाव पर कुछ भी खर्चा नहीं करना होगा। कंपनी ने वादा किया है कि वो 5 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष खर्च करेगी। इस सौदे के बाद बवाल शुरू हो गया है। विपक्षी दलों का कहना है कि क्या मोदी सरकार भारत की एतिहासिक इमारतों की देखरेख भी नहीं कर पा रही है। 

निजीकरण, गिरवी या बिक्री
कांग्रेस ने इस फैसले को लेकर सरकार पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट कर पूछा कि 'बीजेपी सरकार अब किस प्रतिष्ठित स्थल को प्राइवेट कंपनी के हवाले करेगी? बीजेपी की परंपरागत सहयोगी रही शिवसेना ने भी मोदी सरकार के इस फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया है। शिव सेना नेता मनीषा कायंडे ने कहा कि ये बहुत शर्मनाक बात है कि हम अपने ही धरोहरों का रखरखाव नहीं कर सकते हैं। उधर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, 'मोदी सरकार द्वारा इसे लाल किले का निजीकरण करना कहोगे, गिरवी रखना कहोगे या बेचना।'

क्या करेगा डालमिया 
लालकिला के कॉन्ट्रैक्ट को लेकर डालमिया भारत ग्रुप, टूरिज्म मिनिस्ट्री, आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) के बीच बीते 9 अप्रैल को डील हुई। कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक ग्रुप को 6 महीने के भीतर लाल किले में बेसिक सुविधाएं देनी होंगी। एक साल के भीतर इसे टेक्सटाइल मैप, टायलेट अपग्रेडेशन, रास्तो पर लाइटिंग, बैटरी से चलने वाले व्हीकल, चार्जिंग स्टेशन और एक कैफेटेरिया बनाना होगा। 

15 अगस्त को डालमिया का नियंत्रण नहीं होगा
देश के इस ऐतिहासिक धरोहर को संवारने की खातिर डालमिया ग्रुप ने 25 करोड़ की डील की। इस तरह ये ऐतिहासिक स्मारक गोद में लेने वाला भारत का ये पहला कॉर्पोरेट हाउस बन गया है। जानकारी के मुताबिक डालमिया ग्रुप संभवत: 23 मई से काम भी शुरू करने की प्रक्रिया में जुट जाएगी। इस में यह खाका तैयार होगा कि कैसे लाल किले का विकास हो। हालांकि 15 अगस्त के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से पहले जुलाई में डालमिया ग्रुप को लालकिला फिर से सिक्योरिटी एजेंसियों को देना होगा। इसके बाद ग्रुप एकबार फिर से लाल किले को अपने हाथ में ले लेगा।

पर्यटकों से फीस वसूलेगा डालमिया
इसके लिए डालमिया ग्रुप टूरिस्ट से पैसे चार्ज कर सकेगा। इसमें पीने के पानी की सुविधा, स्ट्रीट फर्नीचर जैसी सुविधा शामिल हैं। ग्रुप को जितना पैसा मिलेगा उसे वो पैसा फिर से लाल किले के विकास पर ही लगाना होगा। इसके अलावा ग्रुप लाल किले के भीतर अपनी ब्रांडिंग का उपयोग कर सकेगा।

छपने के बाद आई सरकार की सफाई
मोदी सरकार ने स्पष्टीकरण दिया है कि लालकिले से कमाई की इजाजत नहीं दी गई है। सवाल यह है कि यदि कमाई नहीं करेगा तो डालमिया 25 करोड़ रुपए खर्चा क्यों करेगा। उसको क्या फायदा होगा। सरकार पूरी डील की डीटेल्स सार्वजनिक क्यों नहीं कर देती। 

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