
उपराज्यपाल का नया फरमान जून से लागू होगा और सभी क्षेत्रों को चार हफ्तों की डेडलाइन दी गई है, ताकि वे गंदगी को दूर करने के लिए बाध्य हो जाएं। उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से साफ तौर पर कहा गया है कि जो भी जिन गांवों को प्रशासन की ओर स्वच्छता का प्रमाण दिया जाता है, उन्हें ही चावल सप्लाई होगा।
बेदी ने कहा कि उनके राज्य में सफाई को लेकर धीमी गति से कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि एक भी गांव ऐसा सामने नहीं आया, जिसने तय समय पर सफाई का काम पूरा किया हो। उन्होंने कहा कि जब भी वे गांवों का दौरा करने गईं तो विधायक लोगों के लिए फंड मांगते हैं, लेकिन स्वच्छता के पक्ष में कुछ सकारात्मक नहीं दिखा। बेदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है इस मुहिम में प्रशासन ही नहीं लोग भी हाथ बटाएंगे।
बेदी ने राज्य में फैली गंदगी की तस्वीरों को ट्वीट करते हुए लिखा कि मुफ्त में बांटे जाने वाले चावल उन्हीं गांवों को दिए जाएंगे जो स्वच्छता के प्रति बाध्य होंगे। मुफ्त राज्य की आधी से ज्यादा जनता को बांटे जाते हैं और ये कदम कारगर साबित होगा।