नई दिल्ली। एससी/एसटी एक्ट में जांच से पहले गिरफ्तारी की शर्त हटने के बाद षडयंत्रकारियों ने 2 अप्रैल को देश को जातिवाद की आग में झौंकने का प्रयास किया। यह विवाद अभी थमा नहीं था कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जातिवाद से संबंधित बयान दे डाला। भारतीय जनता पार्टी के 38वें स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विपक्षियों का मेरे लिए विरोध इसलिए लगातार आक्रामक होता जा रहा है कि पिछड़ी जाति के लोग देश के ऊंचे पदों पर बैठे हुए हैं और भाजपा की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है। मोदी ने ये बयान भारत बंद के दौरान हिंसक प्रदर्शनों को लेकर दिया। मोदी ने अपने नमो ऐप के जरिए स्पीच दी। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिला अध्यक्षों से भी बातचीत की।
विपक्ष का एजेंडा झूठ बोलकर मेरी पहचान छीनना है
मोदी ने कहा, "मेरे विरोधी ये बात हजम नहीं कर पा रहे हैं कि एक गरीब मां का बेटा प्रधानमंत्री बन गया है। भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए एक के बाद एक जीत के लिए जानी जा रही है। वहीं, विपक्ष का एजेंडा है कि झूठ पर झूठ बोलकर मोदी को हटाओ, उसकी कुर्सी और उसकी पहचान छीन लो। आप देखेंगे कि मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष ज्यादा आक्रामक होता जा रहा है ये अब बढ़ता ही जा रहा है।
भाजपा की बढ़ती ताकत हजम नहीं कर पा रहा विपक्ष
प्रधानमंत्री ने कहा, "उनके आक्रामक होने की ये वजह नहीं है कि हमने कोई गलती की। इसकी केवल यही वजह है कि हमारे विपक्षी भाजपा की बढ़ती ताकत को हजम नहीं कर पा रहे हैं। वे ये स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं कि पिछड़ी जातियों में पैदा हुए लोग देश में टॉप पोजिशन हासिल कर सकते हैं।
हमने दलित को देश का राष्ट्रपति बना दिया
भाजपा को ब्राह्मण और बनिया की पार्टी समझा जाता था। जब हमें अपनी पसंद का शख्स चुनने का मौका मिला तो हमने एक दलित को देश का राष्ट्रपति बना दिया। विपक्षी ये नहीं स्वीकार कर पा रहे हैं कि भाजपा गरीबों की पार्टी बन गई है, जिसके पास पिछड़ी जाितयों और जनजातियों के सबसे ज्यादा सांसद और विधायक हैं। इन सबके चलते भाजपा के खिलाफ एक आक्रामक विपक्ष खड़ा करने का माहौल बन रहा है।
पार्टी के कार्यकर्ता संयम ना खोएं
मोदी ने पार्टी वर्कर्स से कहा, "विपक्ष के जाल में ना फसें। संयम और सदाचार खोए बगैर आप 2022 तक नए भारत के निर्माण के लिए अपनी कोशिशों को दोगुना कर सकते हैं। नए भारत में हर परिवार के लिए घर होगा, वो भी बिना जातिवाद और सांप्रदायिकता के। भाजपा के कार्यकर्ताओं को सबके हित के लिए काम करना होगा। अपना संदेश लोगों तक पहुंचाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें। आज के दौर में अगर आप सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं रहेंगे तो इससे राष्ट्र और समाजविरोधी तत्वों को फैलने के लिए मौका मिलेगा।