
उम्मीदवारों ने की थी मांग
दक्षिण 24 परगना जिले में भांगर की पोलरहाट द्वितीय ग्राम पंचायत में 11 उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में शिकायत की थी कि उन्हें हथियारबंद गुंडे नामांकन कार्यालय में नहीं पहुंचने दे रहे। इसके बाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को आयोग को आदेश दिए थे कि वे उम्मीदवारों के लिए वॉट्सऐप पर पर्चा दाखिल करने की व्यवस्था कराएं। याचिकाकर्ता शर्मिष्ठा चौधरी ने जस्टिस सुब्रत तालुकदार को बताया कि इन 11 लोगों में 9 लोगों ने वॉट्सऐप के जरिए आवेदन भरा। सभी ने अपने आवेदन की फोटो खीचकर वॉट्सऐप के जरिए आयोग को भेजी।
सर्वे दफ्तर में हुआ था गलत बर्ताव
शर्मिष्ठा के मुताबिक, आयोग ने उम्मीदवारों को अपने आवेदन अलीपुर सर्वे दफ्तर में जमा करने के लिए कहा था लेकिन यहां पर अफसरों ने इनके साथ गलत बर्ताव किया और पेपर छीन लिए थे। उन्होंने बताया कि नामांकन की राशि जमा करने की आखिरी तारीख सोमवार को थी, लेकिन वे इसे जमा नहीं कर पाए। इसी कारण आवेदनों को आयोग ने अमान्य कर दिया था।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद आयोग ने लिया फैसला
जस्टिस सुब्रत तालुकदार ने आयोग को आदेश दिए कि 9 नामांकनों को मान्य किया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की अस्पष्टता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
भाजपा ने ममता सरकार पर लगाए हिंसा फैलाने के आरोप
बता दें कि राज्य में पंचायत चुनाव तीन चरणों में 01 मई से 05 मई तक होने थे लेकिन भाजपा ने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि पश्चिम बंगाल में 'लोकतंत्र की हत्या' जा रही है। याचिका में कहा गया है, "सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस राज्य में हिंसा करा रही है, पंचायत चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवारों को पर्चा दाखिल नहीं करने दे रही है। साथ ही चुनाव पंजीकरण अफसर भाजपा उम्मीदवारों को नामांकन फॉर्म नहीं दे रहे हैं।
हाईकोर्ट ने सरकार को दिया झटका
कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य निर्वाचन आयोग के उस आदेश को रद्द दिया था, जिसमें नामांकन दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने की अधिसूचना को निरस्त करने का आदेश दिया था। साथ ही कोर्ट ने आयोग को नई अधिसूचना जारी कर नामांकन स्वीकार करने का आदेश दिया था।